बिना डॉक्टर की सलाह के आंखों में डाली दवा तो हो सकते मोतियाबिंद के मरीज।
डॉक्टरों की सलाह के बिना कोई भी दवा लेने पर उसका खामियाजा मरीज ही भुगतते हैं
गोरखपुर। आतिशबाजी के बाद बढ़े प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन, लालिमा, पानी आना, कंकड़ जैसी चुभन के मरीज बढ़े हैं। डॉक्टर का कहना है कि अधिकतर मरीज खुद बिना सलाह के दवा डालना शुरू कर देते हैं लोग मोबाइल से केमिस्ट्री में देखकर दवा लेना शुरू कर देते है लंबे समय तक ड्रॉप डालने की वजह से कम उम्र में मोतियाबिंद के शिकार हो सकते हैं। ऐसे मे बिना चिकित्सक की सलाह के इस तरह के ड्राप न डालें। दीपावली पर लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। इस कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक भी बढ़ गया। इससे न सिर्फ सांस रोगियों का दम फूल गया, बल्कि आंखों में जलन की भी समस्या बढ़ गई। गोरखपुर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रजत कुमार ने बताया कि पटाखों से कार्बनडाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो हवा में घुली रहती है। जब ये गैस आंखों के संपर्क में आती है तो समस्या पैदा करती है। आंखों में लालिमा, खुजली, जलन, पानी आना, चुभन आदि शुरू हो जाती है।
डॉ रजत कुमार ने बताया कि इस समस्या के प्रतिदिन 25 से 35 मरीज आ रहे हैं। आंखें शरीर का एक अनमोल अंग है इसलिए लोगों को इलाज भी विशेषज्ञ से ही कराना चाहिए। बिना चिकित्सक के कोई भी ड्राप आंखों में नहीं डालें।