गौरीबाजार के नए थानाध्यक्ष की कार्यशैली: सख्ती और संवेदना का अनोखा संगम।

 गौरीबाजार के नए थानाध्यक्ष की कार्यशैली: सख्ती और संवेदना का अनोखा संगम।

 

देवरिया। गौरीबाजार थाने के नए प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह अपनी अनूठी कार्यशैली के कारण चर्चा में हैं। ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर चलने वाले सिंह जहां सख्त प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं, वहीं उनकी मानवीय संवेदनशीलता ने भी लोगों का दिल जीता है। हाल ही में एक भूखी वृद्धा को थाने में भोजन कराने का उनका वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने न केवल महिला को सम्मानपूर्वक बैठाया, बल्कि स्वयं भोजन भी कराया। यह घटना उनके मानवीय पक्ष को उजागर करती है।

विनोद कुमार सिंह की कार्यशैली में ऊर्जा, पारदर्शिता और जनसेवा का समन्वय दिखता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि वह आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हैं और त्वरित कार्रवाई करते हैं। चाहे वह रात्रि गश्त हो या अपराध नियंत्रण, उनकी सक्रियता क्षेत्र में बदलाव ला रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, सिंह के अचानक निरीक्षण और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से अधीनस्थों में अनुशासन बना रहता है। उनकी यह शैली अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास पैदा करती है।

हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि इस कार्यशैली में निरंतरता और संस्थागत सहयोग की आवश्यकता है। प्रशासनिक सख्ती और मानवीय दृष्टिकोण के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। फिर भी, सिंह के प्रयासों ने गौरीबाजार में पुलिस की छवि को नया आयाम दिया है। उनकी कार्यशैली न केवल अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि संवेदनशीलता और अनुशासन का मेल समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

विनोद कुमार सिंह का यह दृष्टिकोण गौरीबाजार के लोगों में उम्मीद जगा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यदि यह गति बनी रही, तो न केवल अपराध नियंत्रण में सुधार होगा, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता भी मजबूत होगा।

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