रमजान: इबादत की राह, मदद का पैगाम।

रमजान: इबादत की राह, मदद का पैगाम।

 

रमजान विशेष: गोरखपुर में रमजान का पवित्र महीना नजदीक आते ही हर मुसलमान के दिल में इबादत और नेकी का जज्बा जाग उठता है। यह महीना न सिर्फ रोजे और आत्मसंयम का है, बल्कि जरूरतमंदों की मदद और सेवा का भी सुनहरा मौका लाता है। रमजान, इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना, तप और तपस्या के जरिए जिंदगी में सकारात्मक बदलाव की राह दिखाता है।  

कहा जाता है कि इस महीने में अल्लाह अपनी रहमत के दरवाजे खोल देता है और हर नेकी का सवाब सत्तर गुना बढ़ाकर अता करता है। यही वजह है कि मुसलमान साल भर इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह वह वक्त है जब इबादत में डूबकर खुदा को राजी करने और मदद के लिए हाथ बढ़ाने का मौका मिलता है। सच में, रमजान का मतलब है इबादत और मदद में रम जाना।

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