नवरात्रि पर हुआ आदि शक्ति का सम्मान और कवि सम्मलेन हुआ कवियत्रियों के नाम 

नवरात्रि पर हुआ आदि शक्ति का सम्मान और कवि सम्मलेन हुआ कवियत्रियों के नाम 

गोरखपुर। नवरात्रि का सातवां दिन गोरखपुर की लब्ध प्रतिष्ठित कवियत्रियों के नाम रहा। आदि शक्ति की नव स्वरुप कवियत्रियों के पांव पखारे गए, चुनरी धारण करवाई गई, कुमकुम लगाया गया, आलता से पैर रंगे गए, फल फूल मिष्ठान के साथ उनका दीप पूजन हुआ। शहर में पहली बार इस तरह का अनूठा आयोजन हुआ जिसे नव्य इंडिया एंटरटेनमेंट के बैनर तले शनिवार को किया गया।

आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के सम्मान समारोह एवं आदि शक्ति कवयित्री सम्मेलन का यह आयोजन एस एस एकेडमी गोरखपुर के प्रांगण में शनिवार को किया गया। कार्यक्रम में महानगर की मशहूर महिला उद्यमी संगीता पांडेय ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद माइक्रोफोन पर कार्यक्रम के संचालन के लिए आयी मशहूर कवियत्री डॉक्टर चेतना पाण्डेय जिन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में युवा कवयित्री प्रियंका दूबे प्रबोधिनी को देवी वंदना के लिए आमंत्रित किया। प्रियंका दूबे प्रबोधिनी के बाद मंच पर आयी वरिष्ठ कवियत्री डॉ. सत्यमवदा सत्यम जिन्होंने –

एक दरिया को समंदर भी बना सकती है।

प्यार मनुहार का मंजर भी बना सकती है।

हथेलियों पे जो अक्सर रचातीं मेहंदिया।

वक्त आ जाए तो खंजर भी उठा सकतीं है।

पढ़कर श्रोताओं की ढेर सारी तालियां अपने नाम कर ली। मशहूर कवयित्री डा. चेतना पांडेय ने –

अपनी सीमाएं तय करो वरना

तुमको खा लेगा हसरतों का दुःख

एक जैसा है,एक ही जैसा

पूरी दुनिया की औरतों का दुःख

प्रस्तुत कर सभी का ध्यान आधी आबादी की मूल व्यथा पर केंद्रित किया। युवा कवयित्री मनीषा ओझा की रचना –

मेरी आंखों में सपनों की,

सैलाब उमड़ती दरिया सी

कुछ अपनों की कुछ सपनों की

बह रही हैं ये जो नदियां सी

ने कवि सम्मलेन में जान डाल दिया।

कवयित्री सरिता सिंह अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए पढ़ा…

कतरा कतरा खुदको लूटा देती एक सागर के लिऐ

  • समंदर को बनाने कितनी नदियां कुर्बान होती हैं।

खूब पसंद की गयी। इसके बाद कवयित्री प्रियंका दूबे प्रबोधिनी ने अपनी रचना प्रस्तुत किया…

शास्त्र सम्मत लिखूं बुद्धि दो भान दो।

शुद्ध भाषा रहे शब्दों का ज्ञान दो।

कवि प्रीति प्रियांशी ने अपनी कविता कुछ इस प्रकार पढ़ा…

बिंध गए है मन के मनके,प्रस्तर सी हर बात आघाती

जग से कह दो गा लेने दे, कंठ को मेरे प्रीति प्रभाती

कवि सम्मलेन की अध्यक्षता करती हुई वरिष्ठ कवयित्री सुधा मोदी तरु ने अपना काव्य पाठ किया

कुछ बात तो उस एक बात में होगी

उस रात की अधूरी मुलाक़ात में होगी

मुट्ठी में माहताब उसी दिन से है उनके,

अब चॉंदनी कहॉं से कायनात मे होगी

कनिष्का श्री अग्रवाल की रचना बेहद सराही गई। नव्य इंडिया इंटरटेनमेंट के अध्यक्ष नवीन पांडेय ने सभी आगंतुकों का स्वागत का स्वागत किया और संस्था के सचिव व वरिष्ठ कवि प्रेम नाथ मिश्रा सभी के प्रति आभार व्यक्त किया ।कार्यक्रम में राकेश श्रीवास्तव,रीता देवी श्रीवास्तव, निशी अग्रवाल,कनक हरि अग्रवाल,निखिल पांडेय, प्राच्या मिश्रा, सलीम मजहर, उपेंद्र मिश्र डॉक्टर त्रियम्बकं पांडेय सहित अनेक साहित्य एवं संस्कृति प्रेमी उपस्थित रहे । कवि सम्मलेन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री सुधा मोदी तरु ने और संचालन डॉ चेतना पांडेय ने किया ।

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