सांसद रहे योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज कराने वाले परवेज परवाज के बेटे की तलाश तेज

सांसद रहे योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज कराने वाले परवेज परवाज के बेटे की तलाश तेज

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सांसद रहे योगी आदित्यनाथ (वर्तमान मुख्यमंत्री) पर फर्जी केस दर्ज करने वाले परवेज परवाज का बेटा फैज लूट, आपराधिक साजिश के एक मामले में पिछले चार साल से फरार है। गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने कोर्ट से कुर्की की नोटिस हासिल की। सोमवार को राजघाट पुलिस ने तुर्कमानपुर स्थित फैज के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया।

परवेज परवाज को दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। परवेज ने तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ, तत्कालीन विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज कराया था, जांच में ऑडियो फर्जी पाया गया था।
गोलघर में धरने से पहले सपा सरकार ने सांसद योगी को भेजा था जेल
गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के निजामपुर के रहने वाले मोहम्मद शमी ने मोहर्रम के दिन जनवरी 2007 में राजकुमार अग्रहरि की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से गोरखपुर में दंगा भड़क गया था। माहौल काफी खराब होने के बाद घटना के विरोध में सड़क पर उतरे तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और उनके साथ मौजूद लोगों को सपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था।

जिस समय में घटना हुई थी, उस समय योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में नहीं थे, वह कुशीनगर गए थे। वहीं से उन्होंने गोलघर के चेतना चौराहे पर धरना और जनसभा का आह्वान किया था। योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर पहली बार विधायक का चुनाव जीते राधामोहन दास अग्रवाल, तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी, सुनील सिंह के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन शुरू हो गया था। इस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ भी आने वाले थे। वह कुशीनगर से चल दिए थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दे दिया।

योगी आदित्यनाथ कुशीनगर से गोरखपुर के लिए रवाना हो चुके थे। गोरखपुर के तात्कालिक डीएम डॉ. हरिओम ने उनके गिरफ्तारी का खाका तैयार कर लिया। योगी आदित्यनाथ जैसे ही गोरखपुर कुशीनगर रोड पर स्थित जगदीशपुर पहुंचे, उन्हें रोककर गिरफ्तार कर लिया गया। सांसद योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को लगी, वे इसका विरोध करने लगे।

पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो पुलिस से झड़प शुरू हो गई। कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ भी शुरू हो गई। योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी के बाद माहौल खराब हो गया था। उनको गोरखपुर जेल की मिलेनियम बैरक में रखा गया था।

उनके साथ जेल में तत्कालीन नगर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल, हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह, मेयर अंजू चौधरी और कई भाजपा नेता भी थे। योगी आदित्यनाथ को धारा 144 और शांतिभंग के आरोप में पुलिस ने जेल भेजा था। करीब 11 दिन उन्हें जेल में रहना पड़ा था।

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