प्रशिक्षु सिविल न्यायाधीशों को राज्यपाल की सलाह: निष्पक्षता और संवेदनशीलता से करें न्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) 2022 बैच के 70 नवनियुक्त प्रशिक्षु न्यायाधीशों के साथ शिष्टाचार भेंट और संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायपालिका का दायित्व केवल कानून की व्याख्या तक सीमित नहीं, बल्कि समाज की समस्याओं को समझकर संवेदनशील और निष्पक्ष निर्णय लेना भी जरूरी है। तकनीक के युग में सही निर्णय के लिए तकनीक का उपयोग और मामले की बारीकी से जांच महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल ने अपने जनपद भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए बताया कि जेलों में अधिकांश कैदी दहेज, भूमि विवाद और धोखाधड़ी जैसे मामलों से जुड़े हैं। इन अपराधों की रोकथाम के लिए जनपद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम, विशेषकर महिलाओं और विश्वविद्यालयों में संवाद आयोजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अनाथ बच्चों, बाल सुधार गृहों में रह रहे बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने का आह्वान किया।
श्रीमती पटेल ने गुजरात में नारी अदालत और महिला सुरक्षा समितियों के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि किसी निर्दोष को सजा मिलना सबसे घातक है। उन्होंने प्रशिक्षु न्यायाधीशों को जनता की समस्याएं सुनने, सहानुभूति रखने और समाज से जुड़े रहने की सलाह दी। पारिवारिक मूल्यों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम की जरूरत न पड़े, इसके लिए माता-पिता की सेवा जरूरी है।















