एसएसपी-एडीजी के नाम पर वसूली कर रहे सिपाहियों पर मुकदमा, गिरफ्तार।

एसएसपी-एडीजी के नाम पर वसूली कर रहे सिपाहियों पर मुकदमा, गिरफ्तार

एसएसपी-एडीजी के नाम पर वसूली कर रहे सिपाहियों पर मुकदमा, गिरफ्तार

अलीगढ़।

कोतवाली के घास की मंडी निवासी आमिर की इस संबंध में एसएसपी से शिकायत की थी और बतौर साक्ष्य कॉल रिकार्ड भी दिखाए थे। एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी से कराई और आरोप सही पाए जाने पर 29 जून रात थाना क्वार्सी पर दोनों सिपाहियों शोएब और वीरेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

अलीगढ़ महानगर के भुजपुरा इलाके में हुई एक लूट के आरोपी के परिवार से एसएसपी-एडीजी के नाम पर 6.75 लाख रुपये वसूल चुके दो सिपाहियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद इन्हें रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, लेकिन माल बरामदगी न होने के चलते दोनों को अंतरिम जमानत दे दी गई। अब दोनों आठ जुलाई को दोबारा पेश किया जाएगा।

कोतवाली के घास की मंडी निवासी आमिर की इस संबंध में एसएसपी से शिकायत की थी और बतौर साक्ष्य कॉल रिकार्ड भी दिखाए थे। एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी से कराई और आरोप सही पाए जाने पर 29 जून रात थाना क्वार्सी पर दोनों सिपाहियों शोएब और वीरेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

आमिर ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि भुजपुरा में पिछले वर्ष सितंबर माह में 2.71 लाख रुपये की लूट हुई। जिसमें उसके छोटे भाई साजिद का नाम पकड़े गए अपराधियों ने लिया। इसी क्रम में थाना सासनी गेट के सिपाही शोएब आलम ने उसे फोन कर यह जानकारी दी। अगली रात ढाई बजे सिपाही शोएब के साथ थाना पुलिस आई और उसके दो अन्य भाइयों को पकड़ ले गई। अगले दिन उन्हें एक लाख रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ दिया गया। फिर साजिद के साले को सहसवान से पकड़ लिया गया। उसे भी एक लाख रुपये लेकर छोड़ा गया। इसी तरह से कुल नौ बार में 6.75 लाख रुपये वसूले गए।

 

आमिर ने बताया किह इनकी वसूली से आजिज आकर वह घर से ताला लगाकर चला गया है। एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने मुकदमा दर्ज किए जाने और दोनों को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। 

आठ जुलाई तक निगरानी में रहेंगे दोनों : एसएसपी

इस मामले में एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि यह शिकायत जब सामने आई तो इसे गंभीरता से लिया गया। जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया और दोनों को गिरफ्तार कर पेश किया गया। मगर माल बरामदगी न होने के चलते अंतरिम जमानत मिली है। अब उन्हें आठ जुलाई को फिर पेश किया जाएगा। तब तक ये निगरानी में रहेंगे। साथ में इनके खिलाफ कोर्ट में पेशी के साथ ही निलंबन आदि की विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। बाकी इनके साथ और कौन कौन लोग शामिल रहे हैं। अन्य स्टाफ की क्या भूमिका रही है। इस पहलू पर भी जांच कराई जा रही है।

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