डीएम की सख्ती: निष्क्रिय आशाओं पर कार्रवाई न होने से डीपीएम को फटकार, लापरवाह डॉक्टरों को चेतावनी जारी करने के आदेश।
रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय बैठक संपन्न हुई। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनों, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, मिशन इंद्रधनुष, टीकाकरण, परिवार नियोजन, प्रसव सेवाओं और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की प्रगति पर गहन समीक्षा हुई। डीएम ने पिछली बैठक के निर्देशों का अनुपालन जांचा और नियमित टीकाकरण में तेजी लाने के सख्त आदेश दिए।
निष्क्रिय आशाओं पर कार्रवाई में चूक: डीपीएम को लगी फटकार
पिछली बैठक में डीएम ने डीपीएम (एनएचएम) राकेश को निष्क्रिय आशा कार्यकर्ताओं पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कदम न उठाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगली बैठक तक कार्रवाई सुनिश्चित करें, वरना कठोर दंड के लिए खुद तैयार रहें।
लापरवाह चिकित्सकों पर एक्शन: सीएमओ को चेतावनी पत्र जारी करने के आदेश
डीएम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को निर्देशित किया कि लापरवाही बरतने वाले सभी चिकित्सकों व कर्मचारियों को तुरंत चेतावनी पत्र जारी करें। जिले में स्वास्थ्य सेवाएं गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध हों, हर पीएचसी-सीएचसी पर दवाएं उपलब्ध रहें और स्टाफ की उपस्थिति नियमित हो। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नवजात देखभाल, टीकाकरण व परिवार नियोजन के लक्ष्य 100% हासिल करने पर जोर दिया गया। आशा-एएनएम का वेतन समय से जारी हो।
ब्लॉक स्तर पर समस्याओं का त्वरित समाधान, ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान
सीएमओ को ब्लॉक स्वास्थ्य समितियों की नियमित बैठकें आयोजित करने और समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करने के आदेश दिए। आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांवों में संस्थागत प्रसव व स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
बैठक में सीएमओ नवीन चंद्रा, सीएमएस (महिला अस्पताल) डॉ. निर्मला साहू, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अरुण कुमार, एसएमओ डब्ल्यूएचओ डॉ. सी. लाल, डीपीएम राकेश, यूनिसेफ प्रतिनिधि वंदना त्रिपाठी, एसीएमओ डॉ. अम्बिका प्रकाश, डॉ. अशोक, डॉ. डी.एस. अस्थाना सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व योजना प्रतिनिधि उपस्थित रहे।















