गोरखपुर मंडल में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान: चार दिवसीय प्रशिक्षण का शानदार आगाज
गोरखपुर। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत गोरखपुर मंडल के जनपदों देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज और गोरखपुर के प्रशिक्षकों का चार दिवसीय प्रशिक्षण आज खोराबार ब्लॉक सभागार में धूमधाम से शुरू हुआ। उपनिदेशक गोरखपुर मंडल हिमांशु शेखर ठाकुर के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें खंड विकास अधिकारी आसिफ एकलाख भी शामिल रहे। यह प्रशिक्षण महिला प्रधानों के नेतृत्व विकास और पंचायती राज में उनकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने का एक सशक्त कदम है।
ज्ञान का प्रकाश: महिलाओं को सशक्तिकरण का मंत्र
उपनिदेशक हिमांशु शेखर ठाकुर ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “ज्ञान का वास्तविक महत्व तब उजागर होता है, जब इसे सही तरीके से बांटा जाए। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिला प्रधानों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराना है, ताकि वे नेतृत्व कौशल विकसित कर अपने दायित्वों को कुशलता से निभा सकें।” खंड विकास अधिकारी आसिफ एकलाख ने जोड़ा, “विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब महिलाएं हमारे समाज के अभीयान अंग को समान अधिकार मिलें। पंचायती राज एक्ट में 33% आरक्षण इसी दिशा में कदम है।”
क्षमता संवर्धन: प्रशिक्षकों का संकल्प
वरिष्ठ फैकल्टी बृजेश नाथ त्रिपाठी ने बताया, “यह प्रशिक्षण प्रशिक्षकों की क्षमता बढ़ाएगा, जिससे वे अपने-अपने विकास खंडों में बेहतर मार्गदर्शन दे सकेंगे।” प्रशिक्षिका मंजू पांडे ने उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य महिलाओं की पंचायतों में भागीदारी सुनिश्चित करना और उनके नेतृत्व को समाज के हित में लगाना है।” उन्होंने संचार कौशल पर गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया। विभा पांडे ने ब्रेन स्टॉर्मिंग गेम से ज्ञानवर्धन का अनोखा तरीका अपनाया।
एकजुटता का संदेश: प्रतिभागियों का उत्साह
प्रशिक्षण में देवरिया से 16, कुशीनगर से 14, गोरखपुर से 20 और महाराजगंज से 12 प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया। इसमें विश्वनाथ पाठक, अजीत तिवारी, प्रदीप मनी, वीरेंद्र पांडे, प्रतिभा, दीनानाथ गुप्ता, शैलेश पांडे, अर्पित द्विवेदी, अजय सिंह, विनय कुमार, अजय दुबे, रवि शंकर मिश्रा सहित कई अन्य ने योगदान दिया। वरिष्ठ फैकल्टी कल्पना शुक्ला ने सभी का आभार जताया।
भविष्य की उम्मीद: सशक्त ग्रामीण शासन
यह प्रशिक्षण न केवल प्रशिक्षकों को सशक्त करेगा, बल्कि ग्रामीण विकास और महिलाओं के नेतृत्व को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। गोरखपुर मंडल के लिए यह एक ऐतिहासिक शुरुआत है, जो पंचायती राज को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।















