डीएम की दरियादिली: देवांशी के UPSC सपनों को मिला सहारा।
कानपुर। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी संवेदनशीलता और उदारता से एक बार फिर सभी का दिल जीत लिया। नौबस्ता पुरानी बस्ती के राजकुमार कुशवाहा अपनी बेटी देवांशी के साथ जनसुनवाई में पहुंचे। राजकुमार ने पहले अपने मकान पर कब्जे की शिकायत की थी, जिसे डीएम के निर्देश पर सुलझाया जा चुका था। इस बार बातचीत में डीएम ने देवांशी से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा।
देवांशी, जो डीबीएस कॉलेज, गोविंदनगर से स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा है, ने बताया कि उसने इंटरमीडिएट में उत्कृष्ट अंक हासिल किए थे, जिसके लिए तत्कालीन मंडलायुक्त ने उसे सम्मानित किया था। उसका सपना यूपीएससी की तैयारी कर देश की सेवा करना है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह कोचिंग नहीं ले पा रही। यह सुनकर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने तत्काल कार्रवाई की।
उन्होंने एक कोचिंग संचालक से फोन पर बात कर देवांशी को यूपीएससी की कोचिंग में प्रवेश दिलाने का निर्देश दिया और कोचिंग की पूरी फीस स्वयं वहन करने का वादा किया। डीएम का यह निर्णय सुनकर देवांशी और उनके पिता भावुक हो गए। दोनों ने डीएम का हृदय से आभार व्यक्त किया।
जितेंद्र प्रताप सिंह का यह कदम न केवल देवांशी के सपनों को नई उड़ान देगा, बल्कि समाज में शिक्षा और संवेदनशीलता का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी स्थापित करता है। उनकी इस पहल ने साबित कर दिया कि सच्ची सेवा और मानवता से बड़ा कोई पद नहीं। डीएम की इस दरियादिली की हर ओर प्रशंसा हो रही है, और यह कदम अन्य अधिकारियों के लिए भी एक मिसाल है।
जानकारी सोशल मीडिया से प्राप्त।