कृष्ण-रुक्मणी विवाह की दिव्य झांकी ने बांधा समां: भक्तों का उत्साह चरम पर, डॉ. सोनी सिंह ने भी लिया आशीर्वाद।

 कृष्ण-रुक्मणी विवाह की दिव्य झांकी ने बांधा समां: भक्तों का उत्साह चरम पर, डॉ. सोनी सिंह ने भी लिया आशीर्वाद।

संतकबीरनगर

संतकबीरनगर के नेहियां खुर्द में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह उत्सव ने भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। गाजे-बाजे के साथ निकली भव्य बारात और मनमोहक झांकी ने पंडाल को आनंदमय बना दिया। कृष्ण-रुक्मणी के बाल रूप में सजे बच्चे—कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव, प्रीति श्रीवास्तव, परमजोत, शिखर, पुनीत, सुविधा, निधि, आदर्श, वैभव, विभा, ऋचा और मयंक—बराती बनकर पंडाल में पहुंचे, जहां भक्तों ने पुष्पवर्षा के साथ उनका स्वागत किया। 

कथा व्यास पं. दयानंद जी महाराज ने मंत्रोच्चार के बीच कृष्ण और रुक्मणी को वरमाला पहनाकर विवाह की रस्में पूरी कीं। मुख्य यजमान त्रिवेणी शंकर श्रीवास्तव और मिथिलेश श्रीवास्तव ने दूल्हा बने भगवान की आरती उतारी, जिसके बाद भक्तों की भीड़ अपने आराध्य के दर्शन और आशीर्वाद के लिए उमड़ पड़ी। आतिशबाजी और नृत्य ने उत्सव को और रंगीन बना दिया। 

इस अवसर पर कल्पित हॉस्पिटल की प्रबंध निर्देशिका डॉ. सोनी सिंह भी शामिल हुईं। उन्होंने भगवान की पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया और कथा का आनंद लिया। श्रोता विवाह गीतों पर थिरकते रहे और भक्ति में डूबकर आशीर्वाद प्राप्त किया। 

कार्यक्रम में प्रशांत श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, राजेश सिंह, रमाकांत सिंह, रामकरन यादव, पुनातत्मा यादव, राजाकरन, सोनी श्रीवास्तव, मंजू श्रीवास्तव, स्नेहलता श्रीवास्तव, संध्या श्रीवास्तव, विंध्यवासिनी श्रीवास्तव, रजनी श्रीवास्तव सहित परिवार और सैकड़ों भक्त मौजूद रहे। यह उत्सव न केवल भक्ति का प्रतीक बना, बल्कि सामुदायिक एकता और उत्साह का भी शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।

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