नए आयोग की नई गाइडलाइन आईए जानते हैं

प्रयागराज भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए शासन की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुरूप उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को भी भर्ती परीक्षाएं करानी होंगी। इसके लिए आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी वजह से आयोग की लंबित भर्तियों की परीक्षा तिथि घोषित होने में देर हो रही है।

केंद्र निर्धारण से लेकर पेपर छपवाए जाने तक नए आयोग को शासन की उसी गाइडलाइन के अनुरूप आगे बढ़ना होगा, जिसके तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं अन्य भर्ती संस्थाओं की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। शिक्षा सेवा चयन आयोग की दो बड़ी भर्तियां दो साल से लंबित हैं। अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी/पीजीटी के 4163 पदों पर भर्तियाें के लिए अगस्त-2022 में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

अभ्यर्थियों को इन दोनाें भर्ती परीक्षाओं की तिथियां घोषित होने का इंतजार है। शासन की गाइडलाइन में केंद्र निर्धारण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर कई पालियों में परीक्षा कराई जाएगी। टीजीटी/पीजीटी परीक्षा के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। ऐसे में नए आयोग को टीजीटी/पीजीटी परीक्षा कई पालियों में करानी होगी और इसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पड़ेगी।

वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के लिए 1.14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इस परीक्षा के लिए केंद्र और पाली निर्धारण को लेकर ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी, लेकिन गाइडलाइन में शामिल अन्य प्रावधानों का पालन तो करना ही होगा। जैसे प्रश्न पत्र दो प्रिंटिंग प्रेसों में अलग-अलग छपवाए जाएंगे। इनमें से कौन सा प्रश्न पत्र वितरित किया जाएगा, यह परीक्षा शुरू होने से पांच घंटे पहले तय होगा। प्रश्न पत्रों को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए लोहे के बक्से में रखा जाएगा।

नए आयोग को सभी भर्ती परीक्षाओं की सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग करानी होगी और इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित करना होगा। परीक्षार्थियों को केंद्र आवंटन भी नई गाइडलाइन के अनुरूप ही करना होगा। आयोग को तीन प्रकार की ओएमआर शीट तैयार करानी होगी, जिनमें एक आयोग रखेगा, दूसरी कोषागार में संरक्षित रखी जाएगी और तीसरी अभ्यर्थी को दी जाएगी। प्रश्न पत्रों पर सीरीज अंकित नहीं होगी, बल्कि बार कोड होंगे ताकि किसी को भी सीरीज की जानकारी न हो सके।

नए आयोग को गाइडलाइन के अनुरूप ये तमाम इंतजाम करने में वक्त लगेगा। इसके लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी। आयोग में तो अब तक स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति भी नहीं हुई है। स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति होने तक आयोग से जुड़े सभी नीतिगत निर्णय अटके रहेंगे। आयोग के सूत्रों का कहना है कि नई गाइडलाइन के अनुरूप परीक्षा कराने के लिए शासन को पत्र भेज दिया गया है। स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति होने के बाद परीक्षा संबंधी गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ेंगी

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