शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने बचाई नवजात की जान। -बिल्ली के हमले से बुरी तरह जख्मी हो गई थी दुधमुहीं बच्ची।

शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने बचाई नवजात की जान।

-बिल्ली के हमले से बुरी तरह जख्मी हो गई थी दुधमुहीं बच्ची।

गोरखपुर।शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने कड़ी मशक्कत के साथ एक दुधमुहीं बच्ची की जान बचा ली।बिल्ली के हमले से 38 दिन की नवजात बुरी तरह जख्मी हो गई थी।जिससे उसके शरीर और चेहरे पर कई जगह गहरे जख्म हो गए थे।नवजात इलाज के बाद सकुशल अपने घर पहुंची तो परिवार के लोगों ने चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।इस बात की चर्चा पूरे इलाके में है।

31 जनवरी को मोहर्रम अली की पुत्री नगमा की दुधमुहीं बेटी सिडरा को बिल्ली ने बुरी तरह से जख्मी कर दिया था।परिजनो ने नवजात बच्ची को 4 फरवरी को शाही ग्लोबल हॉस्पिटल तारामंडल गोरखपुर में भर्ती कराया था।जब नवजात अस्पताल में भर्ती हुई तब उसके पूरे शरीर में संक्रमण फैल चुका था। चेहरे पर पस और काले सड़े हुए मांस बिखरे हुए थे। बच्ची को बिल्ली के काटने के नाते उसे रैबीज के संक्रमण का खतरा बढ़ गया था।जिससे डॉक्टरों को इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने इसे चुनौती की तरह लिया और बच्ची का इलाज शुरु किया।सबसे पहले नवजात को रैबीज इम्यूनोग्लोबिन का इंजेक्शन लगाया गया जिससे रैबीज के वायरस शरीर से खत्म हो जाएं।शाही ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर शिव शंकर शाही ने बताया कि चेहरा मस्तिष्क के बेहद करीब होता है इसलिए यदि कोई जानवर चेहरे पर काटता है तो इसे काफी खतरनाक माना जाता हैं।यदि ऐसी जगह कोई जानवर काटे तो उसे रैबीज वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिती में रैबीज इम्यूनोग्लोबिन का इंजेक्शन देना बेहद जरूरी है। रैबीज ऐसा संक्रमण है जिसकी कोई दवा नहीं बनी है। रैबीज के संक्रमण के बाद मरीज का बचना नामुमकिन है। इसलिए ऐसे मरीजों का इलाज करना बेहद मुश्किल है। लेकिन अस्पताल के कुशल चिकित्सकों ने इसे गंभीरता से लेते हुए इलाज शुरु किया।बिल्ली ने बच्ची के नाक,गाल और आँख की पलक को काटकर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर शिव शंकर शाही के नेतृत्व में प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर नित्यानंद, बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रमोद नायक ने नवजात का इलाज किया।और वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने घर पहुचीं।चिकित्सकों को परिजनो ने धन्यवाद दिया।बच्ची का इलाज करना बेहद कठिन था फिर भी डॉक्टरों की टीम ने काफी मेहनत कर उसे जीवन दान दिया।इस बात की चर्चा लोग कर रहे हैं।

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