आंखों में फैल रहा है संक्रमण, आंखों की करें विशेष देखभाल

 

आंखों में फैल रहा है संक्रमण, आंखों की करें विशेष देखभाल

उत्तर प्रदेश /गोरखपुर आंखे बहुत ही आकर्षक और आकर्षक होती हैं। इनके साथ कुछ सी भी परेशानी हो तो तुरंत दिखने वाले लक्षण सामने आते हैं।

आँखों का आना या गुलाबी आँखों से जुड़ी ऐसी ही एक सामान्य समस्या है, जिसे पिज़्ज़ा भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है।

शहर में आंखों की बीमारी कंजेक्टिवाइटिस तेजी से फैल रही है। यह संक्रामक बीमारी है, जो एक मरीज से दूसरे में फैलती है। अचानक अस्पतालों के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें 50 से 60 फीसदी स्कूली छात्र हैं।

जानिए क्या होता है कंजक्टिवाइटिस? (आंखों की सबसे आम समस्या)
हमारी आंखों में एक रेशा-आंखों वाला हिस्सा, कंजकटिवा होता है जो हमारी आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करता है, इसमें सूजन आना या कमजोरी होना को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहा जाता है।

जब कंजक्टिवा में छोटी-छोटी रक्त नालिकाएं होती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं और आंखों का सफेद हिस्सा लाल या गुलाबी रंग का दिखता है। इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है।

कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण या एलर्जिक कोलाइटिस का कारण हो सकता है।

छोटे बच्चों में टियर डॉक्टर (अश्रु नलिका) के पूरी तरह खुल जाने से भी अक्सर सिंक आई की समस्या हो जाती है।

यह एक अत्यंत संक्रामक स्थिति है, इसलिए इसका तत्काल उपचार आवश्यक है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रजत कुमार ने बताया कि तापमान में उतार-चढ़ाव हो रहा है। कभी धूप के बाद बारिश तो कभी तेज धूप हो जा रही है। इससे हवा में मौजूद गंदगी आंखों में जा रही है, जिसकी वजह से आंखों में संक्रमण हो रहा है। इसे कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं। इसमें आंखें लाल हो जाती हैं और उनसे पानी गिरने लगता है। अगर यह समस्या ज्यादा दिनों तक रहती है तो रोशनी कमजोर हो जाती है। चिंता की बात यह है कि यह बीमारी एक से दूसरे में तेजी फैलती है। यही कारण है कि स्कूलों में बीमार छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। छात्र एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं और तेजी से उनकी आंखों पर असर पड़ता है। जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि ओपीडी में पिछले 10 दिनों के अंदर ऐसे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग विशेषज्ञ डॉ. राम कुमार जायसवाल ने बताया कि कंजेक्टिवाटिस के इलाज में कुछ एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का मामला सामने आया है। कुछ मरीजों में इसका असर देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह एंटीबायोटिक दवाएं मरीजों को बदलकर देनी पड़ रही है।सरस्वती शिशु मंदिर बालिका इंटर कॉलेज के 60 छात्राओं को एक साथ कंजेक्टिवाइटिस की समस्या हो गई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां पर सभी छात्राओं की जांच करते हुए उन्हें दवाइयां दी। अभी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम उनका फालोअप कर रही है।

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