गोरखपुर को मिली 2026 यूपीएसीकान की मेजबानी : सर्जरी की नई तकनीकों का होगा महासंगम

गोरखपुर को मिली 2026 यूपीएसीकान की मेजबानी : सर्जरी की नई तकनीकों का होगा महासंगम

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (यूपीएसी) के वार्षिक सम्मेलन यूपीएसीकान-2026की मेजबानी गोरखपुर को सौंप दी गई है। यह सम्मेलन एम्स गोरखपुर में आयोजित होगा, जो प्रदेश के सर्जनों के लिए आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का ज्ञान-आदान-प्रदान और कौशल उन्नयन का बड़ा मंच साबित होगा।

यूपीएसीकान का आयोजन हर वर्ष उत्तर प्रदेश के किसी जिले में होता है। इसका मूल उद्देश्य प्रदेश भर के सर्जनों को एक प्लेटफॉर्म पर लाना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और लेजर, रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन, रोबोटिक सर्जरी तथा दूरबीन विधि जैसी नवीनतम तकनीकों से अवगत कराना है। इन तकनीकों से मरीजों का इलाज तेज, सुरक्षित और सस्ता हो रहा है।

कानपुर में चल रही मौजूदा कार्यशाला में गोरखपुर के सर्जनों की उन्नत चिकित्सा पद्धति, सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण इलाज और निरंतर सीएमई (कंटिन्यूअस मेडिकल एजुकेशन) कार्यक्रमों की सराहना हुई। इसके फलस्वरूप 2026 का यूपीएसीकान गोरखपुर को सौंपा गया। यह गोरखपुर के लिए गौरव की बात है, क्योंकि इससे पहले यह सम्मेलन यहां 1997 मेंआयोजित हुआ था।

इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई डॉ. शिवशंकर शाही (सचिव, यूपीएसी गोरखपुर चैप्टर एवं निदेशक, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल), डॉ. गौरव गुप्ता (हेड, सर्जरी विभाग, एम्स गोरखपुर), डॉ. हरिकेश यादव (प्रोफेसर, एम्स गोरखपुर) और डॉ. संदेश कुमार श्रीवास्तव (प्रोफेसर, बीआरडी मेडिकल कॉलेज) ने।

गोरखपुर के सर्जन हर माह सीएमई कार्यक्रम आयोजित कर नई मशीनों व तकनीकों से खुद को अपडेट रखते हैं, ताकि आम जनता को इसका लाभ मिले।

कार्यशाला में उपस्थित प्रमुख चिकित्सक (बाएं से दाएं):

डॉ. संदेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. अक्षय आनंद, डॉ. निखिल सिंह, डॉ. शिवशंकर शाही, डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. हरिकेश यादव, डॉ. वी.एन.एस. यादव, डॉ. अभिषेक जीना, डॉ. लाल मणि पाल, डॉ. अजय यादव।

यूपीएसीकान-2026 गोरखपुर को चिकित्सा के क्षेत्र में नई पहचान देगा और मरीजों के लिए बेहतर इलाज का द्वार खोलेगा।

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