नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मंडलायुक्त-डीआईजी ने लिया सीमा सुरक्षा का जायजा
बस्ती। नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के नेतृत्व में भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दृष्टिगत भारत-नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। बुधवार को मंडलायुक्त बस्ती अखिलेश कुमार सिंह और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) बस्ती परिक्षेत्र संजीव त्यागी ने सिद्धार्थनगर के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर ककरहवा (थाना मोहाना) और अलीगढ़वा (थाना कपिलवस्तु) बॉर्डर का दौरा किया। इस दौरान सीमा सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
जानकारी के मुताबिक नेपाल में 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध के बाद ‘जन जेड’ युवाओं ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और बेरोजगारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू किए। 8 सितंबर को काठमांडू सहित कई शहरों में पुलिस कार्रवाई में 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी कार्यालयों और नेताओं के घरों में आग लगा दी। कर्फ्यू लगने के बावजूद हिंसा जारी रही, जिसमें कुल 22 मौतें हुईं। 10 सितंबर को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद रहा और सेना तैनात की गई।
मंडलायुक्त और डीआईजी ने सीमा पर तैनात पुलिस बल व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए कि सीमा पार गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाए, लगातार गश्त की जाए, संदिग्ध व्यक्तियों व असामाजिक तत्वों की कड़ाई से चेकिंग हो। सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को 24×7 अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया गया। संभावित घुसपैठ, तस्करी या उग्रवाद को रोकने के लिए समन्वित प्रयास पर जोर दिया।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार प्रसाद, क्षेत्राधिकारी सदर विश्वजीत शौर्य, एसडीएम सदर, एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट, थानाध्यक्ष मोहाना, थानाध्यक्ष कपिलवस्तु व अन्य पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। यह दौरा भारत-नेपाल सीमा पर शांति सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो नेपाल के संकट से प्रभावित पड़ोसी जिलों की सुरक्षा को मजबूत करेगा।















