महिला थाने में शिकायतें बढ़ी, मुकदमे कम
संतकबीरनगर: जिले के महिला थाने में शिकायतों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन मुकदमे दर्ज होने का ग्राफ कम हुआ है। पिछले डेढ़ साल में शिकायतें हजार पार पहुंच गईं, जबकि पेंडिंग मामले मात्र छह रह गए। सुलह-समझौता इस बदलाव का मुख्य कारण बना, जिससे परिवार टूटने से बच रहे हैं। महिला थाना इस दिशा में कारगर साबित हो रहा है। दो ऐसे प्रकरण भी सामने आए, जहां मुकदमा दर्ज होने के बाद भी समझौता हो गया।
महिला थाने और तीनों पिंक बूथों पर शिकायत निपटान के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पिंक बूथ मेडिएशन सेंटर की तरह काम कर रहे हैं, जहां काउंसलिंग से अधिकांश मामले हल हो रहे हैं। यदि कोई मामला निस्तारित नहीं होता, तो मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया जाता है। एसपी संदीप कुमार मीना ने कहा, “महिला शिकायतों के त्वरित निपटारे पर जोर है। पिंक बूथ उत्पीड़न मामलों में काउंसलिंग की बेहतर सुविधा दे रहे हैं।” सुबह से देर शाम तक थाने के अंदर-बाहर भीड़ लगी रहती है, क्योंकि डीएम और एसपी कार्यालय इसके समीप हैं। असंतोषजनक कार्रवाई पर शिकायतें वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचती हैं, जिन्हें महिला थाने को संदर्भित किया जाता है।
रिकॉर्ड के अनुसार, 1 जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2024 तक 484 प्रार्थना पत्र आए, सभी का निपटारा हुआ—272 सुलह-समझौते से, 170 मेडिएशन के लिए प्रेषित, और 42 में मुकदमा दर्ज हुआ। एक मामले में मुकदमा बाद में समझौते में बदल गया। इसी तरह, 1 जनवरी 2025 से 18 जून 2025 तक 571 शिकायतें आईं, जिनमें से 565 का निपटारा हो चुका है।
मिशन शक्ति के तहत सर्किल स्तर पर पिंक बूथ शिकायत निपटान में सफल रहे हैं। मेहदावल सर्किल का बखिरा थाना अव्वल रहा, जहां 21 मई से 27 दिनों में शिकायतें कम लेकिन निपटान 100% रहा। 21 मई 2025 से महिला थाने, बखिरा और धनघटा थाने में पिंक बूथ क्रियाशील हैं, जहां एक-एक महिला एसआई और आठ-आठ आरक्षी तैनात हैं। ये बूथ परिवार परामर्श केंद्र की तरह काम कर रहे हैं, ताकि पारिवारिक विवादों में कमी आए। खलीलाबाद सर्किल के पिंक बूथ पर 54 प्रार्थना पत्र में 40 का निपटारा हो चुका है। यह पहल परिवारों को एकजुट रखने में मील का पत्थर साबित हो रही है।















