सिद्धार्थनगर में विशेष किशोर पुलिस इकाई की समीक्षा गोष्ठी।

सिद्धार्थनगर में विशेष किशोर पुलिस इकाई की समीक्षा गोष्ठी।

 

सिद्धार्थनगर:  बजे, पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन के दिशा-निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार प्रसाद की अध्यक्षता में विशेष किशोर पुलिस इकाई की मासिक समीक्षा और समन्वय गोष्ठी आयोजित की गई। यह गोष्ठी बाल संरक्षण और किशोर न्याय प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। बैठक में पूर्व में जारी कार्यवृत्त के अनुपालन पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें थानों और संबंधित इकाइयों की प्रगति का मूल्यांकन किया गया।

गोष्ठी में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) पर फोकस रहा। थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों और विवेचकों की समस्याओं, साथ ही उनके सुझावों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में पीड़ितों के आवासन, गुमशुदा बच्चों की तलाश, बाल श्रम उन्मूलन, नशा मुक्ति अभियान, बाल विवाह और भिक्षावृत्ति की रोकथाम, लैंगिक समानता, नारी शक्ति को बढ़ावा, किशोर न्याय अधिनियम 2015 के नवीनतम संशोधन, और POCSO एक्ट के तहत प्रक्रियाएं शामिल रहीं। विशेष रूप से POCSO के तहत अभियोग पंजीकरण के 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति (CWC) को सूचित करने, फॉर्म A और B को समय पर संबंधित पक्षों को भेजने, और बाल कल्याण अधिकारियों के कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

JJ एक्ट की धारा 24 के तहत रिमांड के लिए पुलिस अधिकारियों को सादे वस्त्र में उपस्थित होने, साथ ही POCSO एक्ट के अभियुक्तों की बेल नोटिस को बाल कल्याण समिति और पीड़ित पक्ष को शीघ्र उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई। अपर पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए कि इन प्रक्रियाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, पीड़ितों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई।

गोष्ठी में जनपद के विशेष किशोर पुलिस इकाई नोडल अधिकारी अरुणकांत सिंह, क्षेत्राधिकारी कार्यालय, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य, समस्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, एएचटीयू/एसजेपीयू के अधिकारी-कर्मचारी, मानव सेवा संस्थान गोरखपुर (NGO) के प्रतिनिधि, और अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे। इस दौरान सभी ने बाल संरक्षण और किशोरों के अधिकारों को मजबूत करने के लिए सुझाव दिए, जिससे जिला स्तर पर एक प्रभावी तंत्र विकसित हो सके। 

अपर पुलिस अधीक्षक ने जोर देकर कहा कि बच्चों और किशोरों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और इसके लिए पुलिस-प्रशासनिक समन्वय को और सशक्त बनाया जाएगा। यह गोष्ठी न केवल नीतियों को लागू करने का मंच बनी, बल्कि भविष्य में बेहतर कार्यप्रणाली के लिए रास्ता भी प्रशस्त किया।

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