श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी व बलराम यादव ने लिया आशीर्वाद।
संतकबीरनगर, खलीलाबाद में भाजपा नेता सत्य प्रकाश उर्फ सिपाही के आवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का समापन शनिवार को भव्य और भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर पर सूर्या ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और सूर्या इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निदेशक डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी और जिला पंचायत अध्यक्ष बलराम यादव ने विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज की। दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने कथा व्यास का आशीर्वाद प्राप्त किया और उन्हें अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। इस आयोजन ने आध्यात्मिकता, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों का अनुपम संगम प्रस्तुत किया।
सात दिनों तक चली इस कथा में व्यास जी की अमृतवाणी ने श्रोताओं को भक्ति और ज्ञान के रस में डुबो दिया। समापन के दिन, डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी, जो शिक्षा के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए जाने जाते हैं, और बलराम यादव ने व्यास जी के समक्ष शीश नवाकर उनके ज्ञान और तपस्या के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। डॉ. चतुर्वेदी ने अंग वस्त्र भेंट करते हुए कहा, “श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करता है। यह हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखता है।” उन्होंने आयोजक सत्य प्रकाश सिपाही की धार्मिक और सामाजिक पहल की सराहना की।
जिला पंचायत अध्यक्ष बलराम यादव ने कथा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह कथा हमें जीवन के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की याद दिलाती है। यह समाज को सही मार्ग दिखाने का एक सशक्त माध्यम है।” उन्होंने डॉ. चतुर्वेदी के शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान की प्रशंसा करते हुए आयोजन की सफलता के लिए सिपाही को बधाई दी।
भाजपा नेता सत्य प्रकाश सिपाही ने दोनों अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा, “डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी, जो सूर्या ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के निदेशक हैं, और बलराम यादव जैसे नेताओं की उपस्थिति इस आयोजन को और भी गरिमामय बनाती है।” सिपाही ने कथा को सामाजिक एकता और धार्मिक जागरूकता का सशक्त माध्यम बताया, जो समाज में सकारात्मकता और भाईचारा फैलाता है।
कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जिन्होंने व्यास जी के प्रवचनों में जीवन, कर्म और धर्म के गूढ़ रहस्यों को जाना। कथा स्थल पर भक्ति और श्रद्धा का अनुपम माहौल था। श्रद्धालुओं ने इसे आत्मिक उत्थान का अनूठा अवसर बताया। समापन समारोह में कथा व्यास ने भी डॉ. चतुर्वेदी और बलराम यादव को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “डॉ. चतुर्वेदी जैसे प्रबुद्ध व्यक्तियों का धार्मिक आयोजनों में शामिल होना समाज के लिए प्रेरणादायक है।”
डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में शिक्षा और धर्म के बीच सामंजस्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक आयोजन हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाते हैं।” कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
यह आयोजन धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यादगार रहा। डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी की उपस्थिति और उनके शिक्षा क्षेत्र के योगदान ने इसे और भी विशेष बनाया। सत्य प्रकाश सिपाही ने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को जारी रखने का संकल्प लिया। श्रीमद् भागवत कथा के इस समापन ने संतकबीरनगर में आध्यात्मिक चेतना और सामुदायिक एकता का संदेश फैलाया।















