डीएम ने क्रॉप कटिंग से जांची गेहूं की पैदावार, बीमा लाभ पर जोर।
रायबरेली।।
रायबरेली में गेहूं की फसल की वास्तविक उत्पादकता का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने सोमवार को सक्रिय कदम उठाया। उन्होंने सदर तहसील के अमावां ब्लॉक स्थित डिडौली गांव का दौरा किया और वहां क्रॉप कटिंग की प्रक्रिया को अपनी निगरानी में संपन्न कराया। इस पहल का उद्देश्य गेहूं की पैदावार का सटीक आकलन करना था, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ मिल सके। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत यह प्रयोग दो खेतों में किया गया, जिसमें एक निश्चित त्रिकोण क्षेत्र में फसल काटकर उत्पादकता का मूल्यांकन हुआ।
क्रॉप कटिंग के दौरान गाटा संख्या 265 में 17.350 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से करीब 40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज दर्ज की गई। वहीं, गाटा संख्या 99 में 18.150 किलोग्राम के आधार पर 41 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्राप्त हुई। यह प्रक्रिया फसल की पैदावार को रेंडम आधार पर जांचने का एक वैज्ञानिक तरीका है, जिसमें खेतों का चयन बिना किसी पक्षपात के किया जाता है। जिलाधिकारी ने बताया कि क्रॉप कटिंग से न केवल उत्पादकता का पता चलता है, बल्कि कम पैदावार की स्थिति में किसानों को बीमा योजना का लाभ भी सुनिश्चित होता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अधिक से अधिक फसल बीमा कराएं, ताकि प्राकृतिक आपदा या अन्य कारणों से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।
इस मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रफुल्ल कुमार शर्मा, तहसीलदार प्रज्ञा द्विवेदी, राजस्व निरीक्षक गुरू सहाय, अपर सांख्यिकीय अधिकारी धीरेंद्र कुमार यादव और लेखपाल सत्यवान मौजूद रहे। अधिकारियों की उपस्थिति ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से न सिर्फ किसानों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि जिले में कृषि क्षेत्र की प्रगति को भी बल मिलेगा। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है।















