शाही ग्लोबल हॉस्पिटल 21 बच्चों का निशुल्क करेगा हार्ट सर्जरी ।

शाही ग्लोबल हॉस्पिटल 21 बच्चों का निशुल्क करेगा हार्ट सर्जरी ।

गोरखपुर।।

   तारामंडल स्थित शाही ग्लोबल हॉस्पिटल में एडवांस पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजी का कैंप लगा गया।

जिसमें दिल्ली फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर तथा पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के विभाग अध्यक्ष डॉ नीरज अवस्थी आए मौजूद रहे आज कूल 104 बच्चों के हृदय का चेकअप हुआ. इकोकार्डियोग्राफी के साथ हृदय से संबंधित अन्य जांचे भी कराया गया. जांच के दौरान 104 बच्चों में 21 बच्चे ऐसे पाए गए हैं जिन्हें हृदय के ऑपरेशन की आवश्यकता है .

     बच्चों में हृदय की बीमारी का ऑपरेशन काफी महंगा पड़ता है अतः इसकी मदद के लिए मुख्यमंत्री निधि , सांसद निधि ,के साथ अन्य सामाजिक संगठन के सहयोग से किया जाता है।योगी आदित्य नाथ जी महाराज माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के जनता दरबार में अभी तक जो भी गया है उसे कुछ न कुछ सहायता मिला है , पैसे के अभाव मे अभी तक किसी का इलाज नहीं रुका है 

     अभी तक 618 से ज्यादा बच्चों के हृदय का ऑपरेशन हो चुका है. सबसे आश्चर्य की बात है की गुरू गोरखनाथ जी के आशीर्वाद से अभी तक सभी बच्चे ठीक रहे, 100% इलाज सफल रहा यह जानकारी डॉ शिव शंकर शाही ने दी.एक भी कैजुअल्टी या मृत्यु नहीं हुई .बच्चों के हृदय का ऑपरेशन इतना जटिल होने के बाद भी इस तरह के सफलता मिली .

  जिसमें जो गरीब, निर्धन असहाय हैं उनकी मदद शाही ग्लोबल हॉस्पिटल किसी न किसी के सहयोग से खुद करता है .शाही ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ शिव शंकर शाही का मानना है कि जब तक संभव है बच्चों को दिल का दर्द नहीं होने दिया जाएगा बच्चों में दिल की बीमारी उनके खान-पान या रहन सहन से नहीं होता है यह बीमारी माता-पिता के द्वारा या तो अनुसांगिक के रूप में आता है या जब बच्चा मां के गर्भ होता है तब कुछ गलत दवा के सेवन या माता पिता के गलत खानपान से होता है .इस बीमारी में बच्चों का कोई दोष नहीं है. इन नन्हे मुन्ने बच्चों को यह दिल का दर्द गिफ्ट के रूप में प्राकृतिक या समाज द्वारा दिया जाता है आज समाज में प्रदूषण इतना फैल चुका है कि हमको फ्री में मिलने वाला पानी और हवा भी दूषित है खान-पान की किसी भी वस्तु पर विश्वास नहीं किया जा सकता है लोग आगे बढ़ाने तथा समाज में अच्छा दिखने के चक्कर में समय से शादी विवाह नहीं करते हैं स्वास्थ पर ध्यान नहीं देते हैं जिसका प्रतिफल कई बार इन बच्चों को भुगतना पड़ता है.

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