मिशन शक्ति 5.0: बस्ती में डीआईजी ने छात्राओं-महिलाओं को सशक्त बनाया, सम्मान से भरा हौसला
संतकबीरनगर। नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का संकल्प अब हर कदम पर गूंज रहा है। मिशन शक्ति फेज-5.0 के तहत बृहस्पतिवार को थाना कोतवाली खलीलाबाद के लक्ष्मी होटल में आयोजित कार्यक्रम ने महिलाओं के बीच नई ऊर्जा का संचार किया। डीआईजी बस्ती संजीव त्यागी और एसपी संतकबीरनगर संदीप कुमार मीना की उपस्थिति में जनपद के प्रमुख स्कूलों मौलाना आजाद इंटर कॉलेज, ब्लूमिंग बड्स स्कूल, सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी और राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं, महिला अध्यापकों व विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को जागरूक किया गया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान का हिस्सा है, जो नारी गरिमा को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।कार्यक्रम में डीआईजी त्यागी ने उपस्थित महिलाओं और छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने मिशन शक्ति के विभिन्न कार्यक्रमों सुरक्षा, सम्मान व आत्मनिर्भरता के बारे में विस्तार से बताया। साइबर अपराधों से बचाव के उपाय, हेल्पलाइन नंबरों 1090 (महिला पावर लाइन), 181 (महिला हेल्पलाइन), 112 (पुलिस सहायता), 1076 (महिला हेल्पलाइन), 102 (चाइल्ड हेल्पलाइन) व 108 (एम्बुलेंस) की जानकारी दी गई। हर प्रतिभागी को पम्फलेट भेंट कर जागरूकता का बीज बोया गया। डीआईजी ने कहा, “मिशन शक्ति सिर्फ अभियान नहीं, बल्कि नारी सशक्तिकरण की क्रांति है।
आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी, आत्मनिर्भरता आपका हथियार। साइबर दुनिया में सतर्क रहें, कानून आपका साथ निभाएगा।”तत्पश्चात, स्कूली छात्राओं, महिला शिक्षिकाओं और क्षेत्रीय महिलाओं को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ाया गया। यह सम्मान न केवल उनकी उपलब्धियों का पुरस्कार था, बल्कि समाज में नारी भूमिका को मजबूत करने का संदेश भी। एसपी मीना ने जोर दिया, “प्रत्येक थाने पर मिशन शक्ति केंद्र सक्रिय हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर महिला सुरक्षित महसूस करे और स्वावलंबी बने।”इस अवसर पर क्षेत्राधिकारी खलीलाबाद अजय सिंह, प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम ने बस्ती क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बनाया, जहां छात्राओं के चेहरों पर आत्मविश्वास की चमक साफ दिखी। मिशन शक्ति 5.0 का यह चरण नवरात्रि से प्रारंभ होकर एक माह चलेगा, जिसमें बाइक रैलियां, जागरूकता शिविर और प्रशिक्षण शामिल हैं। यह अभियान महिलाओं को अधिकारों के प्रति सजग कर रहा है, जो समाज के उत्थान की कुंजी बनेगा।