नशामुक्त भारत की दिशा में मजबूत कदम: गोरखपुर में JCC बैठक में रणनीति पर चर्चा, एडीजी मुथा अशोक जैन ने दिया समन्वय का संदेश
गोरखपुर। नशामुक्त भारत अभियान को गति देने के लिए गोरखपुर पुलिस लाइन सभागार में नारकोटिक्स एवं ड्रग नियंत्रण पर राज्य स्तरीय संयुक्त समन्वय समिति (JCC) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के सहयोग से गोरखपुर पुलिस द्वारा संचालित इस बैठक में एडीजी गोरखपुर जोन मुथा अशोक जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी जैन, जो हाल ही में गोरखपुर जोन के एडीजी बने हैं, ने अपराध नियंत्रण और सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता पर जोर दिया, जो इस अभियान को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।बैठक में डीआईजी गोरखपुर रेंज एस. चन्नप्पा, एसएसपी राज करन नय्यर, एनसीबी पटना के उप महानिरीक्षक, लखनऊ, बिहार, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सहित विभिन्न राज्यों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। चर्चा का केंद्र बिंदु जिलों और भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने की प्रभावी रणनीति रहा।
अधिकारियों ने सड़क मार्गों पर निगरानी, सीमा पर समन्वित कार्रवाई और तस्करी के नए रूट्स पर अंकुश लगाने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।बैठक में मादक पदार्थों की रोकथाम को प्राथमिकता देते हुए प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। मुख्य बिंदुओं में एनडीपीएस मामलों की त्वरित विवेचना, जब्ती की कार्रवाई, केस डायरी का समयबद्ध निस्तारण, एनडीपीएस कोर्ट में पार्सल लेटर की सख्त निगरानी और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार शामिल रहा। जन-जागरूकता के लिए MANAS हेल्पलाइन 1933 के प्रचार-प्रसार और सूचना देने वालों की गोपनीयता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया गया, ताकि नागरिक बिना डर के नशे के खिलाफ आवाज उठा सकें।अधिकारियों ने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर नियमित रूप से NCORD/नार्को समन्वय बैठकें आयोजित की जाएं, जिससे नशामुक्त भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को स्थानीय स्तर पर मजबूती मिले।
एडीजी मुथा अशोक जैन ने समापन सत्र में कहा, “वर्ष 2047 तक नशामुक्त राष्ट्र बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए सभी विभागों और एजेंसियों के बीच अटूट समन्वय आवश्यक है। हमारा प्रयास केवल रोकथाम तक सीमित न रहे, बल्कि युवाओं को नशे के जाल से मुक्त कर सशक्त समाज का निर्माण हो।” उनके शब्दों ने उपस्थित अधिकारियों में नई प्रेरणा का संचार किया।
बैठक के अंत में भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में सघन जांच और निगरानी अभियान चलाने के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए। यह अभियान न केवल तस्करी पर नकेल कसेगा, बल्कि सीमावर्ती गांवों में जागरूकता फैलाकर सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देगा। यह बैठक नशामुक्त भारत अभियान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई, जो पूर्वांचल के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है।