संविदा कर्मियों के तबादले में खूब हुई मनमानी का आरोप।
उत्तर प्रदेश। गोरखपुर
विद्युत विभाग के चेयरमैन ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत तीन वर्षों से अधिक समय से सब स्टेशनों पर तैनात निविदा कर्मियों को दुसरे सब स्टेशन पर तबादला कर दिया जाए। – लेकिन विभागीय अधिकारियों व – कम्पनी के ठेकेदारों ने तबादले में खूब मनमानी करते हुए तीन वर्षों से से कम या तीन वर्ष पूरा करने वाले निविदा कर्मियों का भी तबादला कर दिया।
विद्युत सब स्टेशन करवल मझगांवा का हाल।
आरोप है कि इस सब स्टेशन की आपूर्ति भगवान भरोसे चलती है यहां कोई अधिकारी रात्रि निवास तो दूर दिन में ही नहीं रह पाता क्योंकि उनके पास इसके अत्तिरिक्त और भी सब स्टेशन का चार्ज है। उपभोक्ता अपनी समस्या के समाधान के लिए दौड़ते दौड़ते थक जा रहें हैं। इस विद्युत सब स्टेशन पर अकुशल श्रमिक से दो वर्षों तक बिना मानदेय के काम कराया गया और वह कम्पनी व अधिकारियों के कोरे आचासन पर काम करता रहा लेकिन उसे नहीं रखा गया और ना तो उसकी मानदेय जारी की गयी जिससे उसने काम करना बन्द कर दिया। इस सब स्टेशन पर 10 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे लोगों को नहीं हटाया गया बल्कि तीन साल के पहले वालों को ही हटा दिया गया जिसको लेकर निविदा कर्मियों में रोष व्याप्त है।
तबादले की लिस्ट जारी हुई निविदा कर्मियों में गुस्सा फूट पड़ा और अपने उच्चाधिकारियों को कोसने लगे कि यह कौन सी तबादला नीति चली है जो दशकों से जमें हुए है उनको छुआ तक नहीं गया है।
कम्पनी के ठेकेदार करते हैं शोषण
कम्पनी के ठेकेदार निविदा कर्मियों के साथ न्याय नहीं करते सेफ्टी के नाम पर महज़ खानापूर्ति की जाती हैआरोप हैं कि उन्हें बिना हेलमेट जैकेट और सीटबेल्ट के साथ चढ़ाया जाता है। इनको 8 घंटे की ड्यूटी की जगह 20 से 25 घंटे काम लिया जाता है। कुशल श्रमिक गांवों का भ्रमण करते हैं और अकुशल श्रमिक पोल पर चढ़कर फाल्ट दूर करतें हैं। कुछ श्रमिकों को एक महीने का कुशल का मान देय दिया गया था लेकिन अब वह फिर अकुशल श्रमिक हो गये हैं इससे साफ जाहिर होता है की कम्पनी कर्मचारियों के साथ ज्यादती कर रही है। आरिखर वह एक महीने में कुशल श्रमिक था तो अगले ही महीने में अकुशल कैसे हो गया।















