जीवात्मा और परमात्मा का पावन मिलन है महारास:- पंडित ज्ञानचंद
– नाथनगर के भिटहा में चल रहा है संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा
संतकबीरनगर। नाथनगर के भिटहा में चल हरे श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक पंडित ज्ञानचंद द्विवेदी ने कहाकि कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कार का उदय होता है। जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आ जाए मुनष्य को अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसे ही मनुष्य जीवन के रहस्य को समझ सकते हैं। आचार्य ज्ञानचंद द्विवेदी ने कहा कि जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन धन्य है। ईश्वर ने विभिन्न लीलाओं के माध्यम से जो आदर्श प्रस्तुत किया, उसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ अपने कर्तव्य को भी समझा जा सकता है। उन्होंने कहाकि श्रंगी ऋषि के श्राप को पूरा करने के लिए तक्षक नामक सांप भेष बदलकर राजा परिक्षित के पास पहुंचकर उन्हें डंस लेते हैं और जहर के प्रभाव से राजा का शरीर जल जाता है और मृत्यु हो जाती है। लेकिन श्रीमद् भागवत कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होता है। आचार्य ने कहा कि कथा के श्रवण करने से जन्म जन्मांतरों के पापों का नाश होता है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर डॉ उदय प्रताप चतुर्वेदी, अखंड प्रताप, माया राम पाठक,जिला पंचायत अध्यक्ष बलिराम यादव, रविनेश श्रीवास्तव, डॉ सीपी श्रीवास्तव, शरद त्रिपाठी समेत अन्य मौजूद रहे।