भिटहा: श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन “जन्म से परम तक” का रहस्य खोला, भक्तजन मंत्रमुग्ध
संतकबीरनगर.
भिटहा स्थित “चतुर्वेदी विला” में चल रही नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन वृंदावन धाम से पधारे कथावाचक श्री त्रिभुवन दास जी महाराज ने 18 हजार श्लोकों वाले भागवत पुराण के गूढ़ रहस्य को सरल भाषा में समझाया।
महाराज जी ने कहा, “श्रीमद् भागवत भगवान की अपनी वाणी है। इसका पहला श्लोक ‘जन्माद्य’ से शुरू होता है और अंतिम श्लोक ‘परम’ पर समाप्त – अर्थात जन्म से मोक्ष तक का पूरा विज्ञान इसी में है। सत्य ही भगवान है और भागवत सत्य का सबसे बड़ा ग्रंथ है। इसमें सभी वेदों का सार और गायत्री मंत्र की पवित्रता भी समाहित है।”
कथा की शुरुआत मुख्य यजमान श्रीमती चंद्रावती देवी के नेतृत्व में सूर्या ग्रुप चेयरमैन डॉ. उदय प्रताप चतुर्वेदी व एसआर ग्रुप एमडी राकेश चतुर्वेदी ने व्यास पीठ व बांके बिहारी की भव्य आरती उतारकर की।
कथा स्थल पर त्रिभुवन दास जी की टीम द्वारा प्रस्तुत हनुमान चालीसा की सुरमई धुन पर पूरा पंडाल झूम उठा। कथा श्रवण के लिए रत्नेश चतुर्वेदी, दिव्येश चतुर्वेदी, सविता चतुर्वेदी, शिखा चतुर्वेदी, प्राचार्य वेद प्रकाश पांडेय, मनोज कुमार पांडेय, दिग्विजय यादव, अभयानंद सिंह, नीलेश चौरसिया, शंकर यादव, आनंद ओझा सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक चलेगी















