मंडलायुक्त की रात बैठक: 10 करोड़+ परियोजनाओं की रजिस्ट्री पर सख्ती
विवादित भूमि नियम से रजिस्टर्ड करें, देरी पर अधिकारी जवाबदेह — मंडलायुक्त
हर परियोजना की साप्ताहिक रिपोर्ट अनिवार्य, विकास को मिलेगी रफ्तार
गोरखपुर। विकास परियोजनाओं में रफ्तार लाने के लिए मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने गुरुवार देर रात मंडलायुक्त सभागार में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। फोकस: 10 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली फ्लाईओवर, फोरलेन, सिक्स लेन, नाला निर्माण और रोड चौड़ीकरण परियोजनाओं की अधर में लटकी भूमि रजिस्ट्री।
बैठक में जिलाधिकारी दीपक मीणा, एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी हिमांशु वर्मा, एसडीएम सदर दीपक गुप्ता, तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह, कानूनगो, लेखपाल और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता मौजूद रहे।
मंडलायुक्त ने कड़े लहजे में निर्देश दिए:
– विरासत गलियारा, जंगल कौड़िया–जगदीशपुर फोरलेन, असुरन–पिपराइच सिक्स लेन, नकहा, खजांची, गोरखनाथ, हडहवा फाटक फ्लाईओवर, सोनबरसा–टिकरिया व मलंगस्थान–भटहट रोड चौड़ीकरण, गोंडधोइया नाला** जैसी परियोजनाओं की भूमि रजिस्ट्री शीघ्र पूरी करें।
– विवादित भूखंडों पर कानूनगो-लेखपाल मौके पर जांचें, तथ्य सत्यापित कर नियमानुसार निस्तारण सुनिश्चित करें।
रजिस्ट्री में देरी बर्दाश्त नहीं; साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य। लापरवाही पर संबंधित अधिकारी, कानूनगो या लेखपाल की जवाबदेही तय, कठोर कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा, “प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाली ये परियोजनाएं समयबद्ध पूरी होंगी। रजिस्ट्री में पारदर्शिता व भू-स्वामियों से संवाद जरूरी।”
एडीएम विनीत कुमार सिंह ने बताया, “राजस्व-पीडब्ल्यूडी समन्वय मजबूत; भूमि विवरण डिजिटल रिकॉर्ड तैयार, विवाद शीघ्र सुलझेंगे।”
मुख्य राजस्व अधिकारी हिमांशु वर्मा: “तकनीकी आपत्तियां निपटाईं, शेष पर टीम त्वरित कार्रवाई कर रही। फील्ड विजिट नियमित।”
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि निर्माण समयसीमा में; रजिस्ट्री अड़चनों पर राजस्व से सहयोग।
मंडलायुक्त ने जोर: मुआवजा समय से, दलालों को हस्तक्षेप न करने दें। प्रभावितों से व्यक्तिगत संवाद। “पारदर्शी प्रशासन और जनसहयोग से गोरखपुर आधुनिक बनेगा।”
देर रात तक चली बैठक ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया। सघन मॉनिटरिंग से परियोजनाएं रफ्तार पकड़ेंगी।















