ग्रामीण स्वच्छता को मजबूती: उपनिदेशक पंचायत ने गोरखपुर में की समीक्षा, डोर-टू-डोर कलेक्शन और पंचायत भवन निर्माण पर सख्त निर्देश
गोरखपुर। गोरखपुर मंडल के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 को गति देने के लिए उपनिदेशक (पंचायत) हिमांशु शेखर ठाकुर ने समस्त सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ पंचायत) के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, आरजीएसए, पंचायत भवन निर्माण, अंत्येष्टि स्थल विकास और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण पर विस्तृत चर्चा हुई। यह पहल ओडीएफ प्लस मॉडल के सत्यापन और अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करने पर केंद्रित रही, जो मंडल में धीमी प्रगति पर शासन के सात दिवसीय स्पष्टीकरण आदेश के बाद उठाई गई।
उपनिदेशक ने सख्त निर्देश दिए कि प्रत्येक ब्लॉक के हर सचिव अपने एक गांव से डोर-टू-डोर कलेक्शन सुनिश्चित करें। सामुदायिक शौचालयों के केयरटेकर का भुगतान समय पर हो। पंचायत भवन और अंत्येष्टि स्थल निर्माण कार्य तत्काल पूर्ण करें। एडीओ को पंचायत भवन को सहज जन सेवा केंद्र के रूप में उपयोग करने के आदेश दिए, जहां पंचायत सहायकों को जन्म-मृत्यु, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के अधिक आवेदन लेने के लिए प्रेरित किया जाए। ग्रामीण स्ट्रीट लाइट लगवाकर पथ प्रकाश सुनिश्चित करें और पंचायत सहायकों का मानदेय समयबद्ध भुगतान करें।
ठाकुर ने जोर दिया, “स्वच्छता ग्रामीण विकास की कुंजी है। अपशिष्ट प्रबंधन में वर्मी कम्पोस्ट पिट और कूड़ा संग्रहण गाड़ी का उपयोग अनिवार्य हो।” यह निर्देश स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 की तैयारियों से जुड़े हैं, जहां सार्वजनिक स्थलों की सफाई, संयंत्र कार्यक्षमता और नागरिक सहभागिता पर बहुस्तरीय मूल्यांकन होगा। मंडल में 63 ग्राम पंचायतों का रैंडम सर्वे हो रहा है, जिसमें 100 अंक नागरिक फीडबैक पर निर्भर।
बैठक में एडीओ ने आरआरसी सेंटरों में वर्मी कम्पोस्ट और कचरा उपयोगिता पर प्रगति साझा की। यह समीक्षा न केवल जलजमाव और प्रदूषण कम करेगी, बल्कि ग्रामीणों को स्वस्थ वातावरण देगी। उपनिदेशक ने सभी को मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आह्वान किया, ताकि गोरखपुर मंडल ओडीएफ प्लस में अग्रणी बने।















