वाराणसी में बिजली कर्मियों का हुंकार: निजीकरण खारिज, संघर्ष का ऐलान

वाराणसी में बिजली कर्मियों का हुंकार: निजीकरण खारिज, संघर्ष का ऐलान

गोरखपुर। वाराणसी में उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ द्वारा आयोजित “चिंतन मंथन शिविर  संदर्भ निजीकरण” में अभियंताओं ने पावर कारपोरेशन के निजीकरण प्रस्ताव को एक स्वर में खारिज कर दिया। निजीकरण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का संकल्प लेते हुए अभियंताओं ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती।

एआईपीईएफ चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा, “निजी कंपनी में नौकरी, अन्य निगम में स्थानांतरण या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति जैसे विकल्प बिजली कर्मियों के भविष्य को तबाह करने वाले हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि निजीकरण का टेंडर जारी हुआ तो सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू होगा।महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि यह शिविर अभियंताओं को संघर्ष के लिए तैयार करने का हिस्सा है।

डिस्कॉम स्तर पर पांच ऐसे प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। पश्चिमांचल और मध्यांचल के बड़े शहरों में अर्बन डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी की प्रक्रिया शुरू होने की खबर ने अभियंताओं में आक्रोश बढ़ाया।शिविर में मनोज कुमार सिंह, उपेंद्र चौरसिया, पुष्पेंद्र सिंह, जगदीश पटेल, बीरेंद्र सिंह, नरेंद्र वर्मा सहित कई अभियंता शामिल हुए। यह आयोजन निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों की एकजुटता और दृढ़ निश्चय का प्रतीक बना, जो उनके हक की लड़ाई को और मजबूत करेगा।

 

Previous articleमिशन शक्ति 5.0: डीआईजी और एसपी ने महिलाओं को सुरक्षा का दिया भरोसा
Next articleकोतवाली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: चोरी की बाइक के साथ दो गिरफ्ता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here