स्मार्ट मीटर घोटाले में जीनस कंपनी पर सवाल, अभियंताओं के निलंबन से आक्रोश
गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर ने स्मार्ट मीटर घोटाले में मेसर्स जीनस कंपनी की कथित संलिप्तता और पांच अभियंताओं के निलंबन की निंदा की है। समिति ने आरोप लगाया कि जीनस ने विभाग की रिजेक्टेड मीटर लिस्ट में 17 सितंबर की आधी रात को अभियंताओं की आईडी से छेड़छाड़ कर इसे अप्रूव किया। इस घोटाले को छिपाने के लिए गोरखपुर के पांच अभियंताओं को निलंबित किया गया, जिसके खिलाफ समिति ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
परीक्षण खंड के अभियंताओं ने मुख्य अभियंता गोरखपुर इ. आशुतोष श्रीवास्तव पर जीनस के साथ साठगांठ का आरोप लगाया। समिति का दावा है कि निलंबित अभियंताओं को तत्काल बहाल किया जाए और घोटाले की गहन जांच हो, जिससे बड़ा खुलासा हो सकता है। मुख्य अभियंता से वार्ता के दौरान उनकी ओर से धमकी देने का भी आरोप लगाया गया, जिसमें उन्होंने आगे भी ऐसी कार्रवाइयों की बात कही।
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के 300वें दिन, 23 सितंबर को लखनऊ सहित सभी जनपदों में बिजली कर्मी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। समिति के पदाधिकारी पुष्पेंद्र सिंह, जीवेश नंदन, जितेंद्र कुमार गुप्ता, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह और राकेश चौरसिया ने निजीकरण की प्रक्रिया में ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन की दखलंदाजी का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि निजीकरण का संशोधित आरएफपी डॉक्यूमेंट निजी कंपनियों की मिलीभगत से तैयार किया गया है।
समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार से निजीकरण का फैसला रद्द करने और स्मार्ट मीटर घोटाले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।