पुलिस लाइन में करियर काउंसलिंग शिविर की धूम: एडीजी जोन ने किया युवाओं का उत्साहवर्धन
गोरखपुर। पुलिस लाइन, गोरखपुर में वामा सारथी गोरखपुर जोन एवं गोरखपुर रेंज के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेरणादायक करियर काउंसलिंग शिविर का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम पुलिस परिवार के सदस्यों, युवाओं और छात्राओं के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ, जहां आधुनिक शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की रणनीति और आत्मविश्वास निर्माण पर गहन चर्चा हुई। वामा सारथी उत्तर प्रदेश पुलिस की महिला सशक्तिकरण पहल का यह प्रयास पुलिस परिवार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प दर्शाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती सोभा जैन, अध्यक्षा वामा सारथी गोरखपुर जोन तथा डॉ. मुक्ता शिव शिंपी, अध्यक्षा वामा सारथी गोरखपुर रेंज ने संयुक्त रूप से की। श्रीमती उमा जायसवाल, प्रभारी अध्यक्षा वामा सारथी जनपद गोरखपुर ने आयोजन का कुशल संचालन किया। मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) गोरखपुर जोन मुथा अशोक जैन ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “पुलिस परिवार के सदस्य सेवा में दक्ष हों, तो उनके बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाओं और आधुनिक शिक्षा में अव्वल हों।
ऐसे शिविर दिशा प्रदान करते हैं और आत्मविश्वास का संचार करते हैं।” उनकी प्रेरक वाणी ने माहौल को उत्साह से भर दिया।आईएएस श्रीमती दीक्षा जैन ने छात्राओं को प्रोत्साहित किया, “कड़ी मेहनत, अनुशासन और दृढ़ निश्चय से कोई सपना असंभव नहीं। हर युवती को अपने लक्ष्यों की ओर साहसपूर्वक कदम बढ़ाना चाहिए।” पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी और अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार एस ने भी मार्गदर्शन प्रदान किया। साइन क्लासेस के आदित्य सर ने प्रतियोगी परीक्षाओं की रणनीति समय प्रबंधन, अध्ययन तकनीक और सफलता के सूत्र विस्तृत व्याख्यान दिया, जो प्रतिभागियों के लिए अनमोल साबित हुआ।लगभग 100 पुलिसकर्मियों, युवाओं और छात्राओं ने भाग लिया।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिस परिवार के सदस्यों को सम्मानित कर प्रोत्साहन दिया गया। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षा श्रीमती सोभा जैन ने कहा, “वामा सारथी पुलिस परिवार के उत्थान और समाज में महिलाओं-युवाओं के सशक्तिकरण के लिए सदैव कटिबद्ध रहेगा।” सभी अतिथियों ने आयोजन की सराहना की, इसे उपयोगी और प्रेरणादायी बताते हुए भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों की अपेक्षा जताई।
यह शिविर न केवल करियर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि पुलिस परिवार की एकजुटता और सशक्तिकरण को भी मजबूत बनाता है।