रक्तदान महादान: डीआईजी डॉ. डीके मिश्रा बोले, एक यूनिट रक्त से बचती हैं तीन जिंदगियां।
गोरखपुर। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) संयुक्त चिकित्सालय और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में कंपोजिट हॉस्पिटल में आयोजित रक्तदान शिविर में डीआईजी (मेडिकल) डॉ. डीके मिश्रा ने कहा कि रक्तदान महादान है। हर स्वस्थ व्यक्ति तीन माह बाद रक्तदान कर सकता है, जिसका शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। रक्तदान से पहले दाता के रक्त की जांच कर हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, सिफलिस, एचआईवी और मलेरिया जैसी पांच प्रमुख बीमारियों का पता लगाया जाता है। इससे न केवल स्वास्थ्य की जानकारी मिलती है, बल्कि एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है।
शिविर में 32 एसएसबी जवानों ने रक्तदान किया। डीआईजी (प्रशिक्षण) असोम हेमचंद्र और डीआईजी (सेक्टर) मुन्ना सिंह ने कहा कि एसएसबी देश की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उनका उद्देश्य सेवा, सुरक्षा और लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल है।
कार्यक्रम में डॉ. एमके बोरा, कमांडेंट (चिकित्सा), डॉ. रूमा अरोरा, डॉ. रवि सरोज, डॉ. शिवानी साही सहित एसएसबी हॉस्पिटल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के स्टाफ मौजूद रहे। यह शिविर रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज सेवा में एसएसबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस तरह के आयोजन न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान देते हैं, बल्कि लोगों को रक्तदान जैसे पुण्य कार्य के लिए प्रेरित भी करते हैं।