10,827 परिषदीय स्कूलों का विलय, आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा नया ठिकाना; शिक्षक-संघर्ष समिति ने जताई तीखी नाराजगी।
लखनऊ। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने एक बड़े प्रशासनिक कदम के तहत प्रदेश के कम नामांकन वाले 10,827 परिषदीय विद्यालयों का बेसिक शिक्षा विभाग के साथ विलय (पेयरिंग) कर दिया है। इस निर्णय के तहत इन खाली हुए विद्यालय भवनों को आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए शिफ्ट करने की योजना तैयार की गई है। प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को पत्र जारी कर इसकी रूपरेखा सौंपी, जिसमें जिला स्तर पर सर्वे और शिफ्टिंग की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।इस पहल के तहत, वर्तमान में विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को बाल वाटिका घोषित किया गया है, और पेयरिंग के बाद खाली भवनों का उपयोग बाल विकास के लिए सुनिश्चित होगा। सीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति जिसमें बीएसए, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बीईओ, और बाल विकास परियोजना अधिकारी शामिल होंगे—15 दिनों में सर्वे पूरा करेगी। सर्वे के बाद प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और अभिभावकों की बैठक आयोजित होगी, जिसमें 500 मीटर के दायरे में स्थित और सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले भवनों का चयन होगा।
यदि वर्तमान केंद्र बेहतर सुविधाओं से लैस हैं, तो शिफ्टिंग टाली जाएगी।हालांकि, इस कदम का शिक्षक और कर्मचारी संगठनों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिक्षकों और युवाओं ने विलय के खिलाफ अभियान चलाया, जो पूरे दिन ट्रेंड में रहा। डीएलएड मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशु यादव ने इसे निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम का उल्लंघन बताया।
संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस-4) की बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि मर्जर से पिछड़े और निर्धन बच्चे पढ़ाई से वंचित होंगे, जबकि रसोईया, शिक्षामित्र, और अनुदेशकों के पद खतरे में पड़ेंगे। महासचिव आरके निगम ने अन्य संगठनों से एकजुटता की अपील की और 28 जुलाई को डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की रणनीति बनाई।
यह कदम शिक्षा और पोषण के एकीकरण का प्रयास है, लेकिन विरोध इसे निजीकरण की ओर बढ़ता कदम मान रहा है। बैठक में राजेश सिंह, कृतार्थ सिंह, अरुणेंद्र वर्मा, अनीश अहमद, संदीप कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार सिंह, अवधेश कुमार वर्मा, मजहर, प्रवेश कुमार, महेंद्र वर्मा, गोवर्धन, राजीव सिंह, और सीएल गुप्ता जैसे पदाधिकारी मौजूद रहे।















