जयंती पर याद किए गए फिराक गोरखपुरी।
गोरखपुर। फिराक गोरखपुरी की जयंती पर बुधवार को विभिन्न संगठनों ने कार्यक्रम आयोजित किया। प्रेस क्लब सभागार में आयोजित कार्यक्रम में यादगारे फिराक के लेखक रामजी राय ने कहा कि फिराक गोरखपुरी की रचनाओं विशेषकर नज्मों में हिन्दी-उर्दू इस तरह घुलमिल गई हैं कि उन्हें आप अलग नहीं कर सकते। उन्होंने नए-नए शब्द गढ़े। उन्होंने हिन्दू-उर्दू के विभाजन को नकार दिया।
उन्होंने फिराक गोरखपुरी के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर को यह गौरव हासिल है कि यहां प्रेमचंद, फिराक गोरखपुरी और अमृता शेरगिल ने अपना जीवन दिया। डॉ. अजीज अहमद ने कहा कि हम आज सोचने, समझने के साथ-साथ संवाद का नया सिलसिला बना रहे हैं जो बहुत जरूरी है।
चित्रगुप्त मंदिर में हुआ कवि संम्मेलन : गोरखपुर । चित्रगुप्त मंदिर सभा द्वारा कवि सम्मेलन व मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने अपनी रचनाओं से लोंगों का मन मोह लिया। शुभारंभ मुख्य अतिथि रवि शंकर खरे द्वारा फिराक के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय कवि कलीम कैसर ने अपनी रचनाओं से लोगों का मन मोह लिया।