उत्तर प्रदेश/के कुशीनगर में किशोरी का अपहरण कर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म करने वाले चार युवकों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, बाकी अज्ञात युवक की पहचान करने में जुटी है। 14 दिन बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई की है। एसपी ने लापरवाह इंस्पेक्टर, दरोगा और महिला सिपाही को निलंबित कर दिया है। वहीं सोमवार को पूरे दिन पीड़ित किशोरी और घरवालों को पुलिस थाने पर बैठाई रही।
थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी को गांव का एक युवक नौ सितंबर को दोपहर में करीब एक बजे बहला फुसलाकर भगा ले गया। उस वक्त किशोरी घर पर अकेली थी। गांव की यज्ञशाला के पास बागीचे में किशोरी को रखा था। 10 सितंबर को अपने तीन दोस्तों के साथ कार में किशोरी को लेकर हाइवे पर पूरे दिन घूमता रहा और दोस्तों ने चलती कार में किशोरी के साथ गैंगरेप किया।
उसी दिन रात करीब आठ बजे किशोरी को लेकर युवक थाने में पहुंचा। घरवालों को पुलिस बुलाकर सुपुर्दगी में देना चाही। घरवाले दरिंदों पर कार्रवाई की मांग करते हुए किशोरी को घर ले जाने से इन्कार कर दिए। पूरी रात किशोरी थाने में रात गुजारी।
11 सिंतबर को दोपहर करीब एक बजे गांव में पूर्व प्रधान के दरवाजे पर पुलिस किशोरी को लेकर पहुंची। पंचायतन दबाव बनाकर किशोरी के घरवालों को पुलिस की मौजूदगी में सौंप दिया गया, लेकिन परिजन नहीं माने और लगातार थाने पर कार्रवाई के लिए पहुंचते रहे। बीच में घरवालों ने एसपी से भी मिलकर कार्रवाई की मांग की थी। बावजूद थानेदार विनय कुमार सिंह टरकाता रहा।
रविवार की देर शाम को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने गांव के क्यामुद्दीन, जहांगीर, सिकंदर और एक अज्ञात पर गैंगरेप, अपहरण और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। आरोपियों पर कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर विनय कुमार सिंह, दरोगा मंगेश मिश्रा और महिला सिपाही अंतिमा सिंह को एसपी ने निलंबित कर दिया।















