भारत-नेपाल सीमा पर डीआईजी की स्पेशल टीम की कड़ी नजर: तस्करी के सिंडिकेट की कुंडली तैयार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता।

भारत-नेपाल सीमा पर डीआईजी की स्पेशल टीम की कड़ी नजर: तस्करी के सिंडिकेट की कुंडली तैयार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता।

 

संतकबीरनगर/सिद्धार्थनगर: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई और नेपाल सीमा से घुसपैठ के इनपुट्स के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। बस्ती मंडल के डीआईजी संजीव त्यागी के नेतृत्व में गठित स्पेशल ‘एंटी स्मगलिंग ड्राइव’ टीम ने सिद्धार्थनगर जिले की 68 किलोमीटर लंबी सीमा पर तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने का काम शुरू कर दिया है। यह टीम तस्करी के सिंडिकेट, अवैध संपत्ति अर्जित करने वालों और देश विरोधी तत्वों की कुंडली तैयार कर रही है, ताकि सीमा क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित हो और अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
डीआईजी संजीव त्यागी ने सिद्धार्थनगर की नेपाल सीमा का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने भारत और नेपाल के सीमा सुरक्षा अधिकारियों के साथ चर्चा की और खुफिया एजेंसियों से प्राप्त इनपुट्स की समीक्षा की। पिछले वर्ष संदिग्धों की गिरफ्तारी और घुसपैठ की आशंका के बाद सीमा को संवेदनशील घोषित किया गया है। खुली सीमा होने के कारण देश विरोधी तत्व इसका दुरुपयोग कर सकते हैं, जिसके मद्देनजर डीआईजी ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. अभिषेक महाजन को एक विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए। इस टीम में पुलिस, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), खुफिया विंग, और अन्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं, जो संयुक्त रूप से काम कर रही हैं।

टीम ने सिद्धार्थनगर के थाना मोहाना, लोटन, शोहरतगढ़, ढेबरुआ, और चिल्हिया क्षेत्रों में गौ-तस्करी, ड्रग्स, शराब, मादक पदार्थ, और खाद्यान्न तस्करी जैसे अपराधों पर निगरानी शुरू की है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत सीसीटीवी कैमरों को अपडेट करने के साथ ही अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं। पहचान पत्रों की गहन जांच और कैमरों के बैकअप डेटा की स्क्रूटनी पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि संदिग्ध व्यक्तियों या गतिविधियों की तुरंत पहचान हो सके।

एसपी डॉ. अभिषेक महाजन ने बताया कि नियमित गश्त और संदिग्धों से पूछताछ के साथ-साथ साप्ताहिक संयुक्त चेकिंग और ग्राम सुरक्षा समितियों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं। यह टीम नेपाल सीमा पर पुलिस चौकियों, एसएसबी, और कस्टम विभाग के अधिकारियों की सूची तैयार कर रही है, जिसे सभी संबंधित विभागों के साथ साझा किया जाएगा। इसके अलावा, सक्रिय अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों, गौ-तस्करी, और संगीन अपराधों में शामिल व्यक्तियों का विवरण एक रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। इसकी मासिक रिपोर्ट प्रत्येक माह की पांच तारीख को डीआईजी बस्ती को भेजी जाएगी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद नेपाल सीमा पर आतंकी और देश विरोधी तत्वों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है। प्रशिक्षित आतंकियों के घुसपैठ के इनपुट्स के आधार पर जांच तेज की गई है। डीआईजी की इस विशेष टीम का गठन और उनकी सक्रियता सीमा पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय लोग इस पहल का स्वागत कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि इससे क्षेत्र में अवैध गतिविधियां रुकेंगी।

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