बिजली दरों में आठ से 10 फीसदी वृद्धि की तैयारी
उपभोक्ताओं के लिए काम की बात
लखनऊ। बिजली चाहे जो भी चोरी करे, खामियाजा सभी उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। उन्हें इस चोरी की भरपाई के लिए आठ से 10 फीसदी अधिक की दर से बिजली बिल चुकाना पड़ेगा।
दरअसल केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से बिजली (संशोधन) अधिनियम 2023 लाया जा रहा है। अधिनियम में किए गए प्रावधानों से टैरिफ पारित की दर बढ़नी तय है। इस पर 11 मई तक आपत्तियां मांगी गई हैं। यूपी में 2021-22 में 11.08 प्रतिशत और 2022-23 में 10.67 प्रतिशत वितरण हानियों पर बिजली दर तय की गई थी। पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस ) के तहत 2023-24 में करीब 14.90 प्रतिशत वितरण हानि मानते हुए बिजली की दर प्रस्तावित की जा रही है। यदि नए प्रस्ताव के तहत बिजली हानियां उपभोक्ताओं के हिस्से मानी गई तो बिल में आठ से 10 फीसदी की बढ़ोतरी तय है। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से बिजली (संशोधन) अधिनियम 2023 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसमें यह भी प्रस्ताव है बताया है।
चार साल से राहत में बिजली उपभोक्ता
यूपी एकमात्र ऐसा राज्य है जहां चार साल से बिजली उपभोक्ता वितरण हानियों के खामियाजे से मुक्त हैं। यहां बिजली चोरी का असर आम उपभोक्ताओं के बिल पर नहीं पड़ता है। टैरिफ प्लान बनाते समय हानियों को अलग रखा जाता है। लेकिन नया प्रस्ताव [ हुआ तो यहां के उपभोक्ताओं को भी हानियों की कीमत चुकानी पड़ेगी।
कि केंद्र व राज्य सरकार के बीच वितरण हानियों पर तय होने वाले प्रस्ताव (ट्रैजेक्टरी ) को राज्य के विद्युत नियामक आयोग को मानना पड़ेगा। यह भी कहा गया है कि वितरण हानियों से होने वाले नुकसान की आधी भरपाई उपभोक्ता और आधी बिजली निगम करेंगे।
उपभोक्ताओं के लिए काला कानून: उप. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नए अधिनियम के प्रावधानों को उपभोक्ताओं के लिए काला कानून बताया है















