बेटे की पिटाई से क्षुब्ध पिता का बगीचे में फंदे से लटका मिला शव, बटवारे को लेकर हुआ था विवाद

देवरिया ।।।

बेटे की पिटाई से क्षुब्ध रिक्शा चालक पिता का रविवार भोर में बगीचे में पेड़ में फंदे से लटका शव मिला। घटना देवरिया के खुखुंदू थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव की है। आरोप है कि बटवारे को लेकर शनिवार रात में पिता पुत्र के बीच विवाद हुआ। बेटे ने पिता की पिटाई कर दी। उधर, थाने पहुंचकर मृतक की पत्नी ने बेटे के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।बहादुरपुर निवासी अवधेश चौहान (60) बचपन से ही स्थानीय चौराहे पर रिक्शा चलाते थे। इसी कमाई की बदौलत उन्होंने पत्नी मैना देवी और अपने पांच संतानों की परवरिश की। सबसे छोटा बेटा शीतेश चौहान पढ़ने में होनहार था। उसे भी पढ़ाया। वह इन दिनों मर्चेंट नेवी में दुबई में है।अवधेश चाहते थे कि शीतेश की शादी होने के बाद बटवारा कर दूंगा। मगर दूसरे नंबर का बेटा शैलेष और उसका परिवार पहले ही बटवारा करना चाह रहे थे। इसी को लेकर आए दिन शैलेष पिता अवधेश चौहान से विवाद करता रहता था। आरोप है कि शनिवार की रात विवाद में उसने पिता की पिटाई कर दी। इसके बाद वह घर से कही निकल गए। खोजबीन करने पर कही पता नहीं चल पाया। रविवार भोर में शौच करने गए गांव वालों ने गांव के दक्षिण बागीचे में अवधेश चौहान का शव शीशम के पेड़ पर रस्सी से लटकता देख शोर मचाया। मौके पर भीड़ जुट गई। पत्नी मैना देवी, बेटी छठ्ठी भी मौके पर पहुंची और शव से लिपट चीख चीखकर रोने लगी।

उधर, सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से नीचे उतरवाया और कार्रवाई में जुट गई। इसके बाद मैना देवी बेटी छठ्ठी और गांव की अन्य महिलाओं के साथ थाने पहुंच दूसरे नंबर बेटे के खिलाफ तहरीर दी है। इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि परिवारिक कलह से से तंग आकर वृद्ध ने फांसी लगाई है। बेटे पर उत्पीड़न का आरोप है। जांच कर कार्रवाई होगी।

 

पाल-पोस कर जिसे बड़ा किया वही बन गया मौत का कारण

अवधेश चौहान दिन-रात रिक्शा चलाकर मेहनत और पसीने की कमाई से पांच संतानों की परवरिश की। इसी कमाई से सभी को पाल पोस कर बड़ा भी किए। उन्हें क्या पता था कि इसी में एक संतान ऐसा भी निकलेगा जो एक दिन उनकी मौत का कारण बन जाएगा।

 

घटना के बाद थाने पहुंची पत्नी मैना देवी चीख चीखकर यह कहते हुए रो रही थी कि हमरी रजऊ के हमरे लइका हिस्सा खातिर मार देहलस। मृतक अवधेश चौहान की पांच संतानों में सबसे बड़ी बेटी छठ्ठी है। बेटो में बड़ा बेचू दूसरे नंबर का शैलेष और फिर तीसरे नंबर पर बेटी सीमा और सबसे छोटा शीतेश है। शीतेश शुरू से ही पढ़ने में होनहार था। रिक्शा चलाने के बाद भी अवधेश कभी भी उसकी पढ़ाई में पैसे की कमी नहीं आने दी। नतीजा वर्तमान में शीतेश मर्चेंट नेवी में दुबई में है। पत्नी मैना का कहना है कि उ कहत रहन ह कि जब शीतेश कमाए लागी त हमनी के परेशानी दूर हो जाई। उनके का पता रहल ह कि एसे पहिले उ दुनिया छोड़ के चल

गांव वालों का कहना है कि अवधेश बहुत ही कर्मठी इंसान थे। रिक्शा चलाकर उन्होंने दो बेटे और दो बेटियों की शादी की और घर भी चलाते थे। अब शीतेश के लिए अच्छे रिस्ते का इंतजार कर रहे थे। गांव वालों ने बताया कि वह बहुत ही हंसमुख स्वभाव के थे। अचानक ऐसा कैसे कर लिए। यह किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था।

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