जीवात्मा और परमात्मा का पावन मिलन है महारास:- दिव्यानंद गर्ग
गोरखपुर। पिपरौली गिडा सेक्टर 5 में चल हरे दिव्यानंद गर्ग भव्य राम मंदिर कथा में कथा वाचक ने कहा कि कथा सुनने से मानव जीवन में संस्कार का उदय होता है। जीवन में कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों न आ जाए मुनष्य को अपना धर्म व संस्कार नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसे ही मनुष्य जीवन के रहस्य को समझ सकते हैं। आचार्य दिव्यानंद गर्ग जी ने कहा कि जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन धन्य है। ईश्वर ने विभिन्न लीलाओं के माध्यम से जो आदर्श प्रस्तुत किया, उसे हर व्यक्ति को ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन मूल्यों के बारे में जानकारी मिलने के साथ-साथ अपने कर्तव्य को भी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्रंगी ऋषि के श्राप को पूरा करने के लिए तक्षक नामक सांप भेष बदलकर राजा परिक्षित के पास पहुंचकर उन्हें डंस लेते हैं और जहर के प्रभाव से राजा का शरीर जल जाता है और मृत्यु हो जाती है। लेकिन कथा सुनने के प्रभाव से राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होता है। आचार्य ने कहा कि कथा के श्रवण करने से जन्म जन्मांतरों के पापों का नाश होता है और विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप शुक्ला, दिलीप यादव ब्लॉक प्रमुख ,जिला पंचायत सदस्य संजय शुक्ला, डॉ एस एस पांडे, शिवा दुबे ,रंगोली सिंह ,सत्य प्रकाश, बंटू शाही अवनीश पांडे, दुर्गेश सिंह आदि उपस्थित रहे।