जिंदगी बर्बाद कर देती है शराब डा वी के वर्मा=
उत्तर प्रदेश/बस्ती
शराब ने अनेको घर बरबाद किये हैं। अनगिनत लोगों को असमय मौत के मुंह में धकेला है। शराब की कुछ घूंट अंदर जाते ही अपना असर दिखाने लगती है। लोग अपना पराया और मर्यादा तक भूल जाते हैं। अधिकांश अपराधी वारदातों को अंजाम देने से पहले शराब का सेवन करते हैं। कुछ लोग कहते हैं ग़म भुलाने के लिये पीता हूं, कुछ लोग कहते हैं पीने की लत हो गयी है। पीने का कारण अनेक हो सकते हैं, लेकिन नतीजा एक होता है ’’बरबादी’’।
तमाम प्रयासों के बावजूद समाज में शराब पीने वालों की संख्या नही घट रही है। सरकार और नीति नियामक शराब से हर साल होने वाली रिकार्ड तोड़ आमदनी पर अपनी पीठ थपथापाते हैं लेकिन वे यह नही जानते कि शराब न हो तो कितने परिवारों में सुख समृद्धि लौट आयेगी, अपराध स्वतः आधे हो जायेंगे। वे राजस्व संग्रह का तुलनात्मक अध्ययन करके अपनी पीठ थपथपाते हैं लेकिन ये नही जानते कि इसके पीछे उन्हे कितना कुछ खोना पड़ रहा है। फिलहाल शराब पीने का आज तक कोई फायदा नही गिना पाया, नुकसान के सिवाय।
हमे एक सुयोग्य नागरिक होने के नाते हमेशा ये प्रयास जारी रखना चाहिये कि लोगों में नशे की लत कम हो। नशा हो तो आदर्शों को अपनाने का, महापुरूषों के रास्तों पर चलने का, एक अच्छा आदमी बनने का और अपनी कामयाबी का। शराब पीने की आदत अपने दृढ़ संकल्पों, आयुर्वेद, होमियोपैथ, योगा, ध्यान आदि पद्धतियां अपनाकर छोड़ी जा सकती है। हमने इस बारे में बस्ती के डा. वी.के. वर्मा से बातचीत किया, उन्होने बताया औषधियों का प्रयोग अच्छा परिणाम दे सकता है। लेकिन ऐसी औषधियां ज्यादातर नशे का शौक करने वालों से छिपाकर दी जाती हैं। वरना वो अपनी जिद पर आ जाये तो कोई भी औषधि उपस पर बेनतीजा हो कसती है।
1. आयुर्वेद
आयुर्वेद में शराब छोड़ने के लिए इसमें कोई विशेष प्रवाधान तो नहीं है लेकिन शराब से होने वाली बीमारियों को दूर करने के उपचार किया जाता है. लिवर में सूजन, पेट और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियां के उपचार के लिए दी जाने वाली वाली दवाएं ही अन्य लाभ के रूप में शराब छुड़ा सकती हैं। जैसे ऐलोवेरा लिवर के लिए फायदेमंद है, जबकि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को पुष्ट बनाता है. सार्थक चूर्ण, ब्राह्मी घृतम आदि शरीर से शराब के जहर को कम करते हैं. इसके अलावा शंखपुष्पी, कुटकी, आरोग्य वर्धनी आदि भी दिए जाते हैं। लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल किसी चिकित्सक के परामर्श के बाद ही करना चाहिए।
2. होम्योपैथी
होम्योपैथी में भी कई ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से शराब और इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है. ये दवाएं बीमारियों को ठीक करने के साथ ही मनोवैज्ञानिक नजरिये से भी फायदा पहुंचाती हैं. लेकिन इन दवाओं के इस्तेमाल के लिए किसी डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें. इसके लिए सिनकोना ऑफिसिनैलिस, चेलिडोनियम, सेलेनियम 30, नक्सवोमिका 30, असारम 30, स्टेफेन्थस क्यू एवं क्येरेक्स ग्लेडिनम स्पीरीट्स क्यू आदि दवाएं चिकित्सक के निर्देशानुसार इस्तेमाल की जा सकती हैं। सल्फ्यूरिक एसिड 30 लगातार 3 महीने तक प्रयोग करने से नशे की लत छूट जाती है। लक्षणानुसार चिकित्सक की देखरेख में ये औषधियां बेहतर परिणाम दे सकती हैं।
3. ध्यान और योगाभ्यास
योगाभ्यास के जरिए भी इसको दूर किया जा सकता है. मुद्रा, ध्यान तथा योग क्रियाओं के माध्यम से उनके शरीर से विकार को दूर किया जाता है. इसके लिए कुछ ध्यान इस प्रकार हैं।
ज्ञान मुद्रा रू ज्ञान मुद्रा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और इससे मन का शुद्धिकरण होता है. ज्ञान मुद्रा करने के लिए दाहिने हाथ के अंगूठे को तर्जनी के टिप पर लगाएं और बाईं हथेली को छाती के ऊपर रखें. इस क्रिया को लगातार 45 मिनट तक करने से काफी फायदा मिलता है।
ध्यान रू ध्यान करने से शरीर के अंदर से खराब तत्व बाहर हो जाते हैं. एकाग्रता लाने के लिए त्राटक किया जाता है. इसमें बिना पलक झपकाए प्रकाश की रोशनी को लगातार देखने का अभ्यास किया जाता है. इसके अलावा कई तरह की योगक्रियायें भी आप कर सकते हैं जैसे कि कुंजल क्रिया, वस्ति, शंख प्रक्षालन, शंख प्रक्षालन में सावधानी आदि।
4. घरेलू नुस्खे
1. संतरा और नीबू के रस तथा सेव, केला आदि के सेवन से ऐल्कॉहॉल की वजह से शरीर में जमा जहर कम हो जाता है। 2. खजूर काफी फायदेमंद रहता है. 3-4 खजूर को आधे गिलास पानी में रगड़कर देने से शराब की आदत छोड़ने में मदद मिलती है। 3. धूम्रपान करना बिल्कुल बंद कर दें. धूम्रपान से ऐल्कॉहल लेने की इच्छा प्रबल होने लगती है। 4. आधा गिलास पानी और समान मात्रा में अजवाइन से बने रस को मिलाकर रोजाना एक महीने तक पीने से काफी फायदा मिलता है।
5. समाज और कानून भी जिम्मेदार
किसी शराबी को सही रास्ते पर लाने का काम उसके घर से शुरू होता है. जिस दिन पता चले कि महिला या पुरुष ने शराब पी है, उसी दिन से उसका विरोध शुरू हो जाना चाहिए. बाद में यही शराबी घरेलू हिंसा को अंजाम देने लगते हैं. ऐसे में पुलिस को भी इसकी सूचना दी जा सकती है या परामर्श केंद्र में भी लेकर जाया जा सकता है।
इक्सपर्ट परिचय
डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। मो.न. 9415163328