एडीजी मुथा अशोक जैन ने सोनबरसा थाना व एसएसएफ बटालियन निर्माण स्थलों का किया सघन निरीक्षण
निर्माण गुणवत्ता, समय सीमा व सुरक्षा मानकों पर रखें विशेष ध्यान एडीजी जोन
गोरखपुर। पुलिस महकमे को आधुनिक व मजबूत बनाने की कवायद तेज हो गई है। गोरखपुर जोन में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के तहत चल रहे प्रमुख प्रोजेक्ट्स को रफ्तार देने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मुथा अशोक जैन ने गुरुवार को नवनिर्मित सोनबरसा थाना और विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) बटालियन के निर्माण स्थलों का गहन निरीक्षण किया। उनके साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) रेंज एस. चनप्पा व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करन नय्यर भी मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कार्य प्रगति, भवन डिजाइन, सुविधाओं, गुणवत्ता व सुरक्षा मानकों की बारीकी से पड़ताल की। एडीजी जैन ने कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों को सख्त हिदायत दी कि निर्धारित समयसीमा में उच्चस्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “ये परियोजनाएं पुलिस बल को विश्वस्तरीय कार्य वातावरण देंगी, जिससे कानून-व्यवस्था मजबूत होगी और जनता को त्वरित सेवा मिलेगी।”
सोनबरसा थाना: आधुनिक सुविधाओं का हब बनेगा
सोनबरसा थाना परिसर आधुनिक वास्तुकला का नमूना बनेगा। इसमें हाईटेक कंट्रोल रूम, डिजिटल अभिलेख कक्ष, महिला सहायता डेस्क, सीसीटीवी मॉनिटरिंग यूनिट, मल्टीपर्पज मीटिंग हॉल, वाहन पार्किंग व पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन शामिल होंगे। एडीजी ने कहा, “नए थाने पुलिस की दक्षता बढ़ाएंगे और कर्मियों को प्रेरित करेंगे, ताकि जनसेवा में नई ऊर्जा आए।”
एसएसएफ बटालियन: सुरक्षा को मिलेगा मजबूत कवच
चिलुआताल थाना क्षेत्र में बन रही एसएसएफ बटालियन के स्थल पर अधिकारियों ने इंजीनियरों से विस्तृत फीडबैक लिया। एडीजी ने निर्देश दिए कि टिकाऊपन, ऊर्जा दक्षता व सुरक्षा फीचर्स पर फोकस रहे। डीआईजी चनप्पा ने कहा, “यह बटालियन जिले की सुरक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और पुलिस बल की क्षमता कई गुना बढ़ाएगी।”
एसएसपी नय्यर ने बताया, “दोनों प्रोजेक्ट पुलिस की वास्तविक जरूरतों पर आधारित हैं। पूरा होने पर न सिर्फ जवानों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि आमजन को तेज व प्रभावी पुलिसिंग का फायदा होगा।”
निरीक्षण में अन्य वरिष्ठ अधिकारी, निर्माण एजेंसी प्रतिनिधि व विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।
गोरखपुर में ये हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स कानून-व्यवस्था की नई मजबूती का प्रतीक बनेंगे और पुलिस को 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए सशक्त करेंगे।















