थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग तथा विशेष किशोर पुलिस इकाई की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न
रायबरेली। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह के निर्देशन एवं अपर पुलिस अधीक्षक (नोडल अधिकारी) संजीव कुमार सिन्हा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट सभागार में थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (एएचटी) तथा विशेष किशोर पुलिस इकाई (एसजेपीयू) की मासिक समन्वय गोष्ठी/समीक्षा बैठक एवं प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। यह बैठक बाल संरक्षण, महिला सुरक्षा और मानव तस्करी रोकथाम को मजबूत करने पर केंद्रित रही।
बैठक में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जारी मानक कार्यप्रणाली (SOP) तथा अनुसंधान दिशा-निर्देशों पर विस्तृत चर्चा हुई। थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की समस्याओं और सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्य विषयों में बाल गुमशुदगी, बाल श्रम, बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम, लैंगिक समानता, साइबर क्राइम, SC/ST एक्ट, किशोर न्याय अधिनियम 2015 के नवीनतम संशोधन तथा पॉक्सो एक्ट के प्रावधान शामिल थे। विशेष निर्देश दिए गए कि पॉक्सो मामलों में एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) को सूचित किया जाए तथा संबंधित फॉर्म व रिपोर्ट समयबद्ध भेजी जाएं।
जिले में गुमशुदा बच्चों के पंजीकृत एवं लंबित मामलों, पॉक्सो एक्ट के अभियोगों तथा किशोर न्याय अधिनियम से जुड़े आदेशों की समीक्षा की गई। बाल संरक्षण एवं जागरूकता अभियानों को प्रभावी बनाने पर बल दिया गया। पुलिस उपाधीक्षक ऋतिक कपूर ने विशेष बाल कल्याण अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम का कड़ाई से पालन करने तथा संबंधित स्टेकहोल्डर्स से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। बैठक का संचालन सीडब्ल्यूसी सदस्य/प्रदत्त शक्ति प्रथम मिलिंद द्विवेदी ने किया।
इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी, प्रधान किशोर न्याय बोर्ड, वन स्टॉप सेंटर, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम विभाग, अभियोजन कार्यालय, जिला बाल संरक्षण इकाई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक जिले में बाल एवं महिला सुरक्षा तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुई।















