गैस रिसाव से नूडल्स फैक्टरी में विस्फोट, सुरक्षा मानकों की खुली पोल

 गैस रिसाव से नूडल्स फैक्टरी में विस्फोट, सुरक्षा मानकों की खुली पोल

 

गोरखपुर। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) सेक्टर-13 में टोटल फास्ट फूड नूडल्स फैक्टरी में बुधवार शाम रसोई गैस सिलेंडर के रिसाव से हुए विस्फोट ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। सिलेंडर से रिसती गैस ने कमरे में एक गोले का रूप ले लिया था। जैसे ही मजदूर फारुख ने चूल्हा जलाने के लिए लाइटर जलाया, गैस में स्पार्क के कारण तेज विस्फोट हुआ। इस घटना को तकनीकी रूप से उदहन (गैस विस्फोट) कहा जाता है। हादसे में फारुख, बेलाल, और अन्य पांच कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए। घायलों को तुरंत बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां दो की हालत नाजुक है।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार राय ने फैक्टरी मालिक हिमांशु मणि त्रिपाठी के खिलाफ अवैध रेगुलेटर और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के लिए मामला दर्ज किया। जांच में फैक्टरी के अवैध संचालन और सुरक्षा उपायों की कमी भी सामने आई। फैक्टरी बिना रजिस्ट्रेशन और फायर विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के संचालित थी। एक ही परिसर में गत्ता, दोना-पत्तल, और नूडल्स का निर्माण हो रहा था, और श्रमिकों के लिए आवासीय व्यवस्था थी, जो सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।

जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने तत्काल जांच के आदेश दिए। गुरुवार को अपर जिलाधिकारी (एडीएम) प्रशासन पुरुषोत्तम दास के नेतृत्व में एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि सिलेंडर में जुगाड़ वाला रेगुलेटर इस्तेमाल हुआ, जिससे गैस रिसाव हुआ। फॉरेन्सिक विशेषज्ञों और बम निरोधक दस्ते के सदस्य बृजभान कुमार ने भी निरीक्षण किया, लेकिन कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। फॉरेन्सिक टीम अब सिलेंडर की गुणवत्ता और रिसाव के कारणों की जांच कर रही है।

गीडा के सहायक मुख्य अधिकारी आरडी पांडे ने फैक्टरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसका जवाब सात दिनों में देना अनिवार्य है। गीडा ओएसडी अनुपम मिश्रा ने बताया कि जवाब न मिलने पर प्लांट आवंटन निरस्त होगा। निरीक्षण के दौरान एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव, सहायक निदेशक (कारखाना) अमित कुमार सिंह, सहायक निदेशक (गोरखपुर क्षेत्र) एसके विश्वकर्मा, एसडीएम सहजनवा दीपक गुप्ता, चौकी प्रभारी पिपरौली संतोष सिंह, और नायब तहसीलदार दुर्गेश चौरसिया मौजूद रहे। मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, डीआईजी रमेश चंद्र साहू, और एसएसपी गौरव ग्रोवर ने भी घायलों की स्थिति का जायजा लिया।

जांच में पता चला कि यह प्लॉट 1998 में मनोज पांडे को प्लास्टिक बैग निर्माण के लिए आवंटित हुआ था, जिसे 2006 में सीमा मिश्रा ने खरीदा और बाद में किसी और को सौंप दिया। संतोष कुमार राय ने बताया कि उदहन विस्फोट का कारण अनियंत्रित गैस रिसाव था, जो कमरे में फैलकर गोला बना और स्पार्क से फटा। अग्निशमन विभाग ने औद्योगिक इकाइयों में गैस सिलेंडरों के उपयोग और सुरक्षा मानकों की नियमित जांच का ऐलान किया है। गीडा प्रशासन को सभी फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय लोग घायलों के बेहतर इलाज और उनके परिवारों को सहायता की मांग कर रहे हैं।

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