परेड में हेड कांस्टेबल की तबीयत बिगड़ी

 परेड में हेड कांस्टेबल की तबीयत बिगड़ी

 संतकबीरनगर पुलिस लाइंस में साप्ताहिक परेड के दौरान हेड कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह की हालत बिगड़ी, जिला अस्पताल में उपचार के बाद मिली छुट्टी

संतकबीरनगर

संतकबीरनगर जिले की पुलिस लाइंस में बुधवार, 16 अप्रैल 2025 को आयोजित साप्ताहिक परेड के दौरान एक अप्रत्याशित घटना ने सभी का ध्यान खींचा। परेड में दौड़ के दौरान हेड कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत जिला अस्पताल पहुँचाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें आराम करने की सलाह देकर छुट्टी दे दी। इस घटना ने पुलिस विभाग में दिनभर चर्चा का विषय बना रहा, और पुलिस कर्मियों के बीच इसकी कई तरह से व्याख्या की गई।

घटना का विवरण

साप्ताहिक परेड का आयोजन पुलिस लाइंस में नियमित रूप से किया जाता है, जिसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों की शारीरिक फिटनेस और अनुशासन को बनाए रखना है। इस परेड का निरीक्षण सीओ धनघटा प्रियम राज शेखर पांडेय ने किया। परेड के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें दौड़ भी शामिल थी। इसी दौड़ के दौरान हेड कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह ने अचानक असहजता महसूस की और दौड़ से बाहर हो गए। उनकी हालत को देखते हुए साथी पुलिस कर्मियों ने तुरंत उन्हें जिला अस्पताल पहुँचाया। 

जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने हेड कांस्टेबल का प्राथमिक उपचार किया। प्रारंभिक जांच में उनकी हालत स्थिर पाई गई, और डॉक्टरों ने उन्हें कुछ दवाएँ देकर आराम करने की सलाह दी। उपचार के बाद राघवेंद्र सिंह को छुट्टी दे दी गई। इस घटना ने पुलिस लाइंस में मौजूद अन्य कर्मियों को चिंतित कर दिया, और पूरे दिन इस विषय पर चर्चाएँ होती रहीं। 

पुलिस कर्मियों की प्रतिक्रिया

घटना के बाद पुलिस कर्मियों के बीच इस बात को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हुईं। कुछ कर्मियों ने इसे सामान्य थकान या मौसमी प्रभाव से जोड़ा, जबकि अन्य ने परेड की गतिविधियों की तीव्रता पर सवाल उठाए। चर्चा के केंद्र में रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) भी रहे, हालाँकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया। पुलिस कर्मियों ने बताया कि हेड कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह की तबीयत दौड़ के दौरान अचानक बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। 

इस घटना ने पुलिस कर्मियों के बीच स्वास्थ्य और शारीरिक फिटनेस के प्रति जागरूकता के महत्व को फिर से रेखांकित किया। कई कर्मियों ने इस बात पर जोर दिया कि परेड जैसी गतिविधियाँ अनुशासन और फिटनेस के लिए जरूरी हैं, लेकिन इनके दौरान कर्मियों की शारीरिक स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए। 

सीओ का बयान

सीओ धनघटा प्रियम राज शेखर पांडेय ने घटना पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि दौड़ के दौरान हेड कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह ने असहजता महसूस की और स्वयं दौड़ से बाहर हो गए। उन्होंने इसे एक सामान्य घटना बताया और कहा कि पुलिस कर्मियों को शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए नियमित रूप से दौड़ और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना होता है। सीओ ने यह भी बताया कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने राघवेंद्र सिंह का उपचार किया और उन्हें परामर्श देकर छुट्टी दे दी। 

सीओ ने परेड के अन्य पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि परेड के दौरान पुलिस कर्मियों के टर्नआउट (वर्दी और प्रस्तुति) की जाँच की गई। सभी कर्मियों को ड्यूटी के दौरान उच्च कोटि की वर्दी पहनने और जनता के साथ मधुर व्यवहार स्थापित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस कर्मियों का अनुशासन और जनता के प्रति उनका व्यवहार विभाग की छवि को मजबूत करता है। 

इस घटना का महत्व

यह घटना भले ही एक सामान्य स्वास्थ्य संबंधी मामला प्रतीत हो, लेकिन यह पुलिस कर्मियों की कार्य परिस्थितियों और उनकी शारीरिक-मानसिक सेहत पर गंभीर सवाल उठाती है। पुलिस कर्मी अक्सर तनावपूर्ण और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं। साप्ताहिक परेड जैसी गतिविधियाँ उनकी फिटनेस को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं, लेकिन इनके दौरान कर्मियों की उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, और मौसम जैसे कारकों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। 

इस घटना ने पुलिस विभाग के भीतर स्वास्थ्य जागरूकता और कार्य प्रबंधन के महत्व को उजागर किया है। साथ ही, यह भी दर्शाता है कि पुलिस कर्मियों के बीच आपसी सहयोग और त्वरित कार्रवाई कितनी महत्वपूर्ण है। हेड कांस्टेबल को तुरंत अस्पताल पहुँचाने में उनके साथियों की तत्परता सराहनीय रही। 

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