सदर तहसील समाधान दिवस: अधिकारियों की तत्परता, कम पहुंचे फरियादी, प्रशासन की सक्रियता का दिखा असर
गोरखपुर। शनिवार को सदर तहसील सभागार में आयोजित तहसील समाधान दिवस में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। जहां अधिकारी पूरी तत्परता के साथ फरियादियों की समस्याओं के समाधान के लिए तैयार थे, वहीं शिकायत लेकर आने वाले लोग गिनती के थे। यह स्थिति दर्शाती है कि सदर तहसील में पहले से ही अधिकांश समस्याओं का निराकरण हो चुका है, जो प्रशासन की सक्रियता का सशक्त प्रमाण है।बैठक की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सदर दीपक गुप्ता ने की। उनके साथ डिप्टी कलेक्टर/तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार देवेंद्र यादव, अरविंद नाथ पांडेय, आकांक्षा पासवान, नीरू सिंह और राकेश कुमार शुक्ला मौजूद रहे। सभी अधिकारी समय से उपस्थित होकर अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग दिखे।
पुलिस, राजस्व, विद्युत, जल निगम, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि विभाग के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्हें त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए।शुरुआती एक घंटे तक कोई फरियादी नहीं पहुंचा। बाद में चार से पांच लोग अपनी शिकायतें लेकर आए, जिन्हें अधिकारियों ने गंभीरता से सुना और तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया।
एसडीएम दीपक गुप्ता ने कहा, “तहसील समाधान दिवस का मकसद जनता की समस्याओं का मौके पर निपटारा करना है, ताकि लोगों को बार-बार चक्कर न काटने पड़ें। कम शिकायतें प्रशासन की सतर्कता और प्रभावी कार्यप्रणाली का परिणाम हैं।”उन्होंने तहसील दिवस को जनसुनवाई का सशक्त मंच बताते हुए जोर दिया कि प्रत्येक शिकायत का निष्पक्ष और त्वरित समाधान होना चाहिए। एसडीएम ने अधिकारियों की तत्परता की सराहना की और कहा, “यदि यह संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरकरार रही, तो सदर तहसील जल्द ही ‘शिकायत मुक्त तहसील’ के रूप में जानी जाएगी।” यह आयोजन प्रशासन और जनता के बीच विश्वास की मजबूत कड़ी को दर्शाता है।