ताजा हो गईं 25 साल पहले पैना हत्याकांड की यादें

ताजा हो गईं 25 साल पहले पैना हत्याकांड की यादें

 

उत्तर प्रदेश।देवरिया/ रुद्रपुर के फतेहपुर में घटी घटना ने 25 साल पहले बरहज के पैना हत्याकाण्ड की यादों को ताजा कर दिया है।देवरिया जिले के बरहज थाना क्षेत्र के पैना गांव में जुलाई 1998 में नाग पंचमी के दिन ऐसी वारदात हुई, जिसे सुनकर लोगों का दिल आज भी दहल जाता है।इस घटना से 25 वर्ष पूर्व पूरे जनपद में सनसनी फैल गई थी।

खेत में गाय जाने की वजह से हुआ मामूली विवाद खूनी रंग में बदल गया था।यहां नाग पंचमी की सुबह एक परिवार पर गोलियों की तडतड़ाट से पूरा गांव थर्रा उठा था।पल भर में ही गांव में मातम छा गया था। इस मामले में आठ लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

जुलाई माह वर्ष 1998 में नाग पंचमी की सुबह पैना गांव की घटना याद कर लोग सिहर जाते हैं। गांव निवासी राधेश्याम तिवारी के परिवार का विवाद गांव के ही एक क्षत्रिय परिवार से विवाद हो गया था। 

पूरी रात हमलावरों के मन में ज्वाला धधकती रही।नाग पंचमी की सुबह शिक्षक राधेश्याम तिवारी अपने दरवाजे पर बैठे थे।इसी दौरान असलहों से लैस दर्जन भर से अधिक लोग दरवाजे पर पहुंच गए।मामूली बहस के बाद फायरिंग शुरू कर दिए, जिसमें राधेश्याम तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई।गोली की आवाज सुनकर ब्रह्मानंद,धर्मेंद्र, ब्रजेश जब बाहर घर से निकले तो हमलावरों ने उन्हें भी गोलियों से उड़ा दिया।एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के बाद नाग पंचमी का हंसी खुशी का माहौल पल भर में गम में बदल गया था।

हर कोई राधेश्याम तिवारी के दरवाजे की तरफ दौड़ पड़ा। दरवाजा खून से लाल हो गया था और मौके पर चार शव पड़े हुए थे।पूरे गांव में मातम छा गया था। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अपने आंसू रोक नहीं सके।पुलिस के अनुसार इस मामले में 14 लोगों पर केस दर्ज हुआ था। जिसमें आठ लोगों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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