एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि भू-माफिया कमलेश यादव और उसके साथी पर तहरीर के आधार पर एक और केस दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों पर जल्द ही गैंगस्टर की कार्रवाई भी करेगी। अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी
गोरखपुर में सीलिंग की जमीन को बेचकर करोड़ों हड़पने वाले भू-माफिया कमलेश यादव और उसके साथी दीनानाथ पर पुलिस ने एक और केस दर्ज किया है। कमलेश पर एम्स थाने में हाल के दिनों में 17 वां केस दर्ज हुआ है। वहीं, सीलिंग की जमीन पर खुले कमलेश के आईटीआई कॉलेज पर पुलिस-प्रशासन की नजर टेढ़ी हो गई है। जल्द ही इस पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है।
जानकारी के मुताबिक, एम्स इलाके के झरना टोला निवासी दयाशंकर पांडेय ने दी तहरीर में लिखा है कि जमीन के नाम पर 21 लाख रुपये की जालसाजी की गई है। वर्ष 2019 में उन्हें एक जमीन की आवश्यकता थी, इसी बीच उनके मुलाकात बहरामपुर, अहिरवाती टोला के कमलेश यादव और उसके साथी कुसम्ही निवासी दीनानाथ से हुई।
दोनों ने मिलकर उनको भैंसहा फोरलेन के बगल में एक जमीन दिखाई। बताया गया कि यह जमीन उन दोनों के हक व हिस्से में है। जमीन पसंद आने पर 21 लाख रुपये कीमत तय हुई। दयाशंकर ने चेक और आरटीजीएस के जरिए कमलेश और दीनानाथ के खाते में रकम भेज दी। इसकी स्टैंप पेपर पर रकम प्राप्ति की बतौर रसीद भी दी गई। लेकिन, जब बैनामा करने को कहा गया तो आरोपी हीलाहवाली करने लगे।
पीड़ित ने जब इसकी सूचना पुलिस को दी तब आरोपियों ने अपनी कारगुजारी स्वीकार ली। कहा कि पैसे खर्च हो गए हैं। कमलेश ने 10 लाख 50 हजार का चेक और दीनानाथ ने 2.5 लाख और 4-4 लाख के चेक दिए। लेकिन, जब चेक को बैंक में जमा किया तो पता चला कि कमलेश ने खाते से लेनदेन पर रोक लगवा रखी है। वहीं, दीनानाथ के खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण चेक बाउंस हो गया। दयाशंकर ने फिर मामले की सूचना पुलिस को दी। बाद में पता चला की जमीन सीलिंग की है। पुलिस केस दर्ज कर जांच में जुटी है।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि भू-माफिया कमलेश यादव और उसके साथी पर तहरीर के आधार पर एक और केस दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों पर जल्द ही गैंगस्टर की कार्रवाई भी करेगी। अवैध कमाई से अर्जित की गई संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ध्वस्त हो सकता है कमलेश का काॅलेज
पुलिस व प्रशासन अब कमलेश यादव के कालेज को भी ध्वस्त कराने में जुटी है। इसके लिए एसएसपी ने प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भी लिखा है। यह काॅलेज भी कुसम्ही में तुर्रा नाले के किनारे सीलिंग की जमीन पर बना है। जल्द ही कमलेश और उसके साथी दीनानाथ पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
सीलिंग की जमीन बेचकर कमलेश ने बिहार, झारखंड तक के लोगों को ठगा
भू-माफिया कमलेश यादव सेना में नौकरी करता था। 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद वह गांव चला आया। फिर उसने सूद का काम शुरू किया। इससे रुपये आने के बाद उसने रसूख के दम पर 2013 में सरकारी सीलिंग की जमीन को बेचने का काम शुरू कर दिया। इसी धंधे के आरोपी दीनानाथ के साथ मिलकर वह लोगों को जमीन बेच देता था। क्योंकि उस समय गांव चकबंदी में था, इस वजह से दाखिल-खारिज का कागज हाथ से बनता था। बस इसी का उसने फायदा उठाया और फर्जी मुहर, हस्ताक्षर करके वह लोगों को कागज भी थमा दिया।
शुरुआत में ऐसा करने से लोगों का भरोसा उस पर हो गया और इस तरह से वह रुद्रपुर और बहरामपुर में लंबी चौड़ी सरकारी जमीन को बेचकर करोड़पति बन गया। उसके बाद कमलेश ने बिहार और आसपास के तमाम लोगों को फर्जी कागजों के जरिए सरकारी जमीनें बेचकर ठगना शुरू किया। देखते ही देखते उसने करोड़ों की संपत्ति बना ली। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि उसके दोनों कॉलेज भी सीलिंग की जमीन पर ही बने हैं। एक डिग्री कॉलेज को उसने पत्नी के नाम पर बनवाया है। वहीं, गांव में एक आईटीआई कॉलेज भी है।