कुशीनगर में विकास की नई रफ्तार: डीएम का ऐलान।
कुशीनगर: जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने जिले में विकास कार्यों को तेज करने का ऐलान किया है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि लंबित परियोजनाओं को तय समय पर पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। बौद्ध स्थलों सहित जिले के सभी प्रमुख स्थानों पर विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि कुशीनगर की पहचान और समृद्धि को नया आयाम मिले।
डीएम ने पडरौना शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। इसके लिए व्यापारियों और संबंधित विभागों के साथ बैठक की जाएगी। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ी तो मैं स्वयं शहर का भ्रमण करूंगा और हर संभव प्रयास करूंगा ताकि जिला प्रगति की राह पर आगे बढ़े।” बुद्ध मंदिर में रैंप की कमी के सवाल पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए रैंप निर्माण अनिवार्य है और इसके लिए संबंधित विभाग से जानकारी लेकर काम शुरू कराया जाएगा।
हिरण्यवती और बांसी नदियों की सफाई और उनके महत्व को देखते हुए इन्हें मुख्य गंडक नदी से जोड़ने की योजना पर जोर दिया गया। हिरण्यवती नदी में गंदगी और पानी की कमी के कारण बौद्ध तीर्थयात्री निराश होकर लौटते हैं, जो बुद्ध की लेटी प्रतिमा के दर्शन के बाद आचमन के लिए नदी पर आते हैं। दूसरी ओर, बांसी नदी में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार से लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ते हैं, लेकिन नारायणी नदी से संपर्क टूटने और कब्जे के कारण पानी का बहाव रुका है। नदी की जमीन पर मिट्टी डालकर किए गए अवैध कब्जे ने समस्या को और गंभीर किया है। डीएम ने दोनों नदियों की सफाई, कब्जा हटाने और मुख्य नदी से जोड़ने के लिए ठोस प्रयास करने का वादा किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि विकास कार्यों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुशीनगर की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को निखारने के साथ-साथ स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। डीएम के इस संकल्प से जिले में विकास की नई उम्मीद जगी है।