बीआरडी मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी जांचों को मिली वैश्विक मान्यता।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज की पैथोलॉजी जांचों को मिली वैश्विक मान्यता।

 

गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज की सेंट्रल पैथोलॉजी लैब में होने वाली 22 महत्वपूर्ण जांचों, जैसे लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल, ग्लूकोज, प्रोटीन और यूरिक एसिड टेस्ट, को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने मान्यता प्रदान की है। यह पूर्वांचल का पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसकी इतनी जांचें एनएबीएल के कड़े मानकों पर खरी उतरी हैं। इस मान्यता के बाद बीआरडी की जांचें देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों, जैसे एसजीपीजीआई, एम्स, केजीएमयू, आरएमएल, और वैश्विक स्तर पर भी स्वीकार्य होंगी।

हाल ही में एनएबीएल की विशेषज्ञ टीम ने बीआरडी की सेंट्रल पैथोलॉजी लैब का गहन निरीक्षण किया। लैब में 200 से अधिक प्रकार की जांचें होती हैं, जिनमें से 22 जांचों को मान्यता के लिए चुना गया था। निरीक्षण के बाद एनएबीएल ने इन जांचों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को प्रमाणित किया। इस उपलब्धि ने बीआरडी को देश की चुनिंदा पैथोलॉजी लैबों की श्रेणी में शामिल कर दिया है। यह मान्यता कॉलेज की तकनीकी क्षमता, प्रशिक्षित स्टाफ और आधुनिक उपकरणों का प्रमाण है।

इस उपलब्धि का सबसे बड़ा लाभ मरीजों को होगा। अब मरीज बीआरडी की जांच रिपोर्ट लेकर किसी भी चिकित्सा संस्थान में जाएंगे, तो वहां दोबारा जांच कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे मरीजों का समय, पैसा और अनावश्यक परेशानी बचेगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई मरीज लिवर या किडनी की जांच रिपोर्ट लेकर एम्स या एसजीपीजीआई जाता है, तो डॉक्टर उस रिपोर्ट को मान्य मानेंगे। इससे न केवल मरीजों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि बीआरडी की साख भी विश्व स्तर पर स्थापित होगी।

पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पा वहिकर ने बताया कि इस उपलब्धि में डॉ. शैला मित्रा, डॉ. कंचन श्रीवास्तव, डॉ. मयंक जैन, डॉ. अल्पना बुंदेला और डॉ. सुनीता भारती की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने कहा, “यह मान्यता कॉलेज की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले गई है। हमारी कोशिश होगी कि भविष्य में अन्य जांचें भी एनएबीएल के मानकों पर खरी उतरें।”

डॉ. शिल्पा वहिकर ने गर्व के साथ कहा, “यह उपलब्धि पूरे पूर्वांचल के लिए ऐतिहासिक है। हमारी लैब की जांचें अब वैश्विक स्तर पर मान्य होंगी, जिससे मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधा मिलेगी।” यह उपलब्धि बीआरडी मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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