ठेकेदार की मनमानी से गीडा आवंटियों पर पड़ रहा भारी बोझ।
यन यच 28 फोरलेन से गीडा सेक्टर 13 के निर्मला दिन सड़क का है मामला।
गोरखपुर। गीडा
औद्योगिक विकास प्राधिकरण गीडा में ठेकेदारों की मनमानी एक बार फिर सुर्खियों में है। मामला एनएच-28 से गीडा सेक्टर-13 को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण से जुड़ा है, जहां ठेकेदार द्वारा गीडा की अधिग्रहित सरकारी भूमि से अवैध रूप से मिट्टी का खनन किया जा रहा है। इस मिट्टी का उपयोग सड़क को ऊंचा करने के लिए किया जा रहा है, लेकिन यह कार्य आवंटियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। गीडा प्रशासन ने इन भूखंडों को उद्यमियों को समतल कर उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन अवैध खनन के कारण अब यह संभव नहीं दिख रहा।
अवैध खनन का खेल
जानकारी के मुताबिक, ठेकेदार के मिली भगत को एनएच-28 से सेक्टर-13 तक सड़क निर्माण का ठेका दिया गया था। निर्माण के लिए मिट्टी की जरूरत को पूरा करने के लिए ठेकेदार ने गीडा की अधिग्रहित भूमि से बड़े पैमाने पर मिट्टी खोदना शुरू कर दिया। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि जेसीबी और ट्रकों की मदद से रात के समय यह काम किया जा रहा है, ताकि प्रशासन की नजरों से बचा जा सके। इस खनन से जहां सड़क को ऊंचाई मिल रही है, वहीं आसपास के भूखंडों में गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिससे उद्यमियों के लिए जमीन उपयोग योग्य नहीं रह गई।
आवंटियों की परेशानी
गीडा प्रशासन ने उद्यमियों को यह आश्वासन दिया था कि उन्हें समतल और व्यवस्थित भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। लेकिन ठेकेदार की इस मनमानी से उद्यमियों में नाराजगी बढ़ रही है। कई आवंटी, ने बताया, नाम न छापने कि शर्त पर बताया कि “हमने उद्योग लगाने के लिए भारी निवेश किया, लेकिन अब हमारी जमीन पर गड्ढे हैं। इसे समतल करने के लिए हमें अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा, जो गीडा प्रशासन की जिम्मेदारी थी।” कई उद्यमियों का कहना है कि यह ठेकेदार की लापरवाही और प्रशासन की नाकामी का नतीजा है।
जिम्मेदारों पर सवाल
गीडा के अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध खनन उनकी जानकारी के बिना कैसे संभव हुआ। कुछ स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया, “अधिकारी मौन हैं, क्योंकि इसमें उनकी मिलीभगत हो सकती है। ठेकेदार मुफ्त में सरकारी मिट्टी का इस्तेमाल कर मुनाफा कमा रहा है, जबकि इसका खामियाजा अवंटी उद्यमियों भुगतना पड़ेगा।
मामले में गीडा एसीओ डा आर डी पाडेंय का कहा, “हमें शिकायत मिली है। जांच उपरांत दोषी ठेकेदार व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की